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लखनऊ रैली में मायावती ने दिखाई अपनी ताकत, बोलीं- “यूपी में इस बार बीएसपी सरकार”

लखनऊ, 9 अक्टूबर। बहुजन समाज पार्टी ने पार्टी के संस्थापक और बहुजन आंदोलन के महानायक मान्यवर कांशीराम के 19वें परिनिर्वाण दिवस पर यूपी की राजधानी लखनऊ में विशाल रैली का आयोजन कर शक्ति प्रदर्शन किया। उन्होंने बीजेपी, एसपी और कांग्रेस पर बीएसपी को कमजोर करने का भी आरोप लगाया। कांशीराम स्मारक स्थल में हुई इस विशाल रैली में उमड़ी लाखों की भीड़ से बीएसपी ने पूर्व में हुई अपनी रैलियों का रिकॉर्ड ही तोड़ दिया है।  

इस विशाल रैली में पहुंची बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सबसे पहले मान्यवर कांशीराम को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद मायावती ने रैली के मंच पर भीड़ का अभिवादन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस रैली में जो लोग आए हैं, वो भाड़े पर नहीं लाए गए, बल्कि अपने-अपने पैसे खर्च करके यहां आए हैं। इससे ये भी साबित हो जाता है कि बीएसपी ख़त्म नहीं हुई है, बल्कि और मजबूती के साथ फिर से उभर रही है। इसके साथ ही ये बीएसपी के खिलाफ साजिश रचने वाले राजनीतिक दलों और बिकाऊ सामाजिक संगठनों को भी करारा जवाब है।  

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने इस मंच से ऐलान किया कि उनकी पार्टी 2027 में होने वाले यूपी विधानसभा के चुनाव में किसी भी राजनीतिक दल से गठबंधन नहीं करेगी, बल्कि अकेली ही चुनावी मैदान में उतरेगी। जिसके लिए वो ख़ुद पार्टी की मजबूती के लिए सक्रिय रूप से काम करेंगी। उन्होंने किसी भी राजनीतिक दल से गठबंधन नहीं करने की वजह बताते हुए कहा कि बीएसपी का गठबंधन करने का अनुभव ठीक नहीं रहा, क्योंकि गठबंधन करने पर हमारी पार्टी का कैडर वोट तो सहयोगी दलों को मिल जाता है, लेकिन बीएसपी को उनका वोट नहीं मिल पाता। उन्होंने पूर्व में किए गए एसपी और कांग्रेस से गठबंधन के परिणामों का उदाहरण भी दिया।  

मायावती ने बीएसपी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को निर्देश देते हुए कहा कि सभी को बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करना है, साथ ही समाज के सभी वर्गों के बीच में जाकर बीएसपी की पूर्व सरकारों के कार्यकाल की उपलब्धियों और कार्यों के बारे में जानकारी देना है। उन्होंने कहा कि सभी कार्यकर्ता एकजुट होकर ये काम करेंगे तो इस बार यूपी में बीएसपी की ही सरकार बनेगी। इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार ने दलित समाज के महापुरुषों के नाम पर रखे गए जिलों के नाम बदलकर दलित विरोधी मानसिकता का परिचय दिया था। इतना ही नहीं अखिलेश यादव ने एसपी सरकार के समय हमारी सरकार के कई अच्छे फैसलों को भी बदल दिया था। मायावती ने कहा कि अब सत्ता हासिल करने के लिए अखिलेश यादव पीडीए का हवाला देकर बहुजन समाज को गुमराह कर रहे हैं।  

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अपने संबोधन में कांग्रेस पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा दलित, पिछड़े और मुस्लिम समाज के वोटों का केवल इस्तेमाल किया है, लेकिन उनके विकास के लिए कोई ठोस उपाए नहीं किए। अगर कांग्रेस अपनी सरकारों के समय इन वर्गों के लिए काम करती तो, आज ये सभी वर्ग हर स्तर पर मजबूत होते।  

 मायावती ने इस दौरान केंद्र और यूपी में बीजेपी की सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन्होंने तो समाज को बांटने का काम किया है। कभी धर्म के आधार पर तो कभी जाति के नाम पर नफरत फैलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि यूपी में हर रोज दलित समाज के उत्पीड़न की ख़बरें आती रहती हैं। इससे स्पष्ट है कि यूपी की कानून व्यवस्था ठीक नहीं है।      

बीएसपी की इस विशाल रैली में मायावती ने ये भी कहा कि अगर यूपी में उनकी सरकार बनती है तो वो ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ वाली सरकार होगी। इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि उनकी सरकार बनने पर उन सभी कानूनों और फैसलों की समीक्षा की जाएगी, जो दलित, पिछड़े और मुस्लिम समाज के खिलाफ हैं। मायावती ने आगे कहा कि बीएसपी की सरकार में यूपी के लोगों को रोजगार के लिए पलायन नहीं करना पड़ेगा, उन्हें उनके जिलों में ही रोजगार मुहैया कराया जाएगा। बीएसपी की इस रैली में मायावती ने कहा कि पूर्व की अखिलेश सरकार ने हमारी सरकार के समय बनाए गए बहुजन महापुरुषों के स्मारकों के रख-रखाव को ख़त्म कर दिया था, जिससे पूरी व्यवस्था चरमरा गई थी। लेकिन यूपी की वर्तमान सरकार ने इन स्मारकों में रख-रखाव की व्यवस्था को बहाल कर दिया है।  

मायावती ने इस रैली में पहुंचे दूसरे राज्यों के बीएसपी समर्थकों से अपील करते हुए कहा कि वो भी अपने-अपने राज्यों में पार्टी को मजबूत करने का काम करें। इस दौरान मायावती ने मंच पर मौजूद अपने भतीजे आकाश आनंद, भाई आनंद कुमार, सतीश मिश्रा, उमाशंकर सिंह और विश्वनाथ पाल के कार्यों की तारीफ करते हुए कहा कि ये सभी अपने-अपने वर्गों में पार्टी को मजबूत करने का काम कर रहे हैं।  

भारी भीड़ और परेशानियों के बावजूद दूरदराज से लोग रैली में पहुंचे और उत्साहित दिखे, सालों बाद मायावती को सुनने के लिए लोगों ने पहले से ही डेरा जमा लिया था। मायावती ने अपने समर्थकों में एक नई उम्मीद जगा दी है कि इस बार उत्तरप्रदेश में बसपा की सरकार बनेगी जो बिना किसी जातिभेद, लिंगभेदी धर्म भेद के बिना सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय के लिए काम करेगी।

मुख्य संवाददाता
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