img

दबंगों ने दलित शिक्षिका को जिंदा जलाया, अस्पताल में ईलाज के दौरान मौत

राजस्थान -  राजधानी जयपुर से सटे जमवारामगढ़ इलाके में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक दलित महिला शिक्षक को दबंगों ने पेट्रोल छिड़ककर जला दिया है। प्रदेश में कानून व्यवस्था पर सवाल उठने के बावजूद पुलिस ऐसे अपराधों के प्रति गंभीर नजर नहीं आ रही है। महिला पेशे से शिक्षक थी। इलाज के दौरान एसएमएस अस्पताल में महिला की मंगलवार देर रात मौत हो गई। महिला शिक्षक पर हमला पैसों को लेनदेन को लेकर किया गया।


घटना राजधानी जयपुर से 80 किलोमीटर दूर जमवारामगढ़ के पास रायसर गांव की है। यहां 10 अगस्त को सुबह 8:00 बजे रेग्रो के मोहल्ले में वीणा मेमोरियल स्कूल की टीचर अनीता रेगर अपने बेटे राजवीर के साथ स्कूल जा रही थी। इस दौरान कुछ बदमाशों ने घेर कर उस पर हमला कर दिया। अनीता खुद को बचाने के लिए पास ही में कालूराम रेगर के घर में घुस गई। उसने 100 नंबर पर रायसर थाने को सूचना भी दी। लेकिन पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। इसके बाद आरोपियों ने पेट्रोल छिड़ककर अनीता को आग लगा दी। महिला चीखती चिल्लाती रही। लेकिन लोग उसका वीडियो बनाते रहे। आरोप है कि किसी ने भी उसकी मदद नहीं की घटना की। जानकारी मिलते ही महिला का पति ताराचंद अपने परिवार के लोगों के साथ मौके पर पहुंचे। 70 फ़ीसदी जल चुकी अनीता को जमवारामगढ़ के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से उसे जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल के बर्न वार्ड में रेफर कर दिया गया। तकरीबन 7 दिन तक महिला मौत से जूझती रही। लेकिन मंगलवार देर रात उसने दम तोड़ दिया।


जानकारी के मुताबिक मृतक महिला अनीता ने आरोपियों को ढाई लाख रुपए दिए हुए थे। महिला बार बार आरोपियों से पैसों की मांग करती थी। लेकिन वह पैसे लौटाने के बजाय उसके साथ अभद्रता और मारपीट करते थे। अनीता ने इस संबंध में 7 मई को रायसर थाने में मामला भी दर्ज कराया था। आरोप है कि पुलिस ने मामला दर्ज कर कोई कार्यवाही नहीं की। इससे बदमाशों के हौसले बुलंद हो गए। महिला के पति ताराचंद ने बताया कि वह घटना के बाद 12 अगस्त को जयपुर में पुलिस मुख्यालय में डीजीपी से भी मिला था। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ताराचंद ने रायसर एसएचओ, एएसआई और पुलिसकर्मी पर बदमाशों को शरण देने और मिलीभगत का आरोप लगाया है।


मुख्य संवाददाता
मुख्य संवाददाता
मुख्य संवाददाता
PROFILE

' पड़ताल ' से जुड़ने के लिए धन्यवाद अगर आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो कृपया इसे शेयर करें और सबस्क्राइब करें। हम एक गैर-लाभकारी संगठन हैं। हमारी पत्रकारिता को सरकार और कॉरपोरेट दबाव से मुक्त रखने के लिए आर्थिक मदद करें।

संबंधित खबरें

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked with *

0 Comments

मुख्य ख़बरें

मुख्य पड़ताल

विज्ञापन

संपादकीय

  • शिक्षक दिवस का चयन और जातिवादी मानसिकता

    शिक्षक दिवस एक बहुत ही पवित्र और सराहनीय दिवस है। ऐसे में इस दिन की महत्ता और बढ़ जाती है जब गुरु-शिष्य की परंपरा और मर्यादा खत्म हो रही है। वास्तव में डॉ. राधाकृष्णन  भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत…

वीडियो

Subscribe Newsletter

फेसबुक पर हमसे से जुड़े