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बहुजन संगठनों के आह्वान पर ‘भारत बंद’ का व्यापक असर, सुप्रीम कोर्ट के एसी/एसटी के आरक्षण में क्रीमीलेयर पर दिए गए फैसले पर जताया विरोध

बहुजन समाज के विभिन्न संगठनों की तरफ से आज (21 अगस्त) को भारत बंद की अपील की गई है। भारत बंद की वजह सुप्रीम कोर्ट के द्वारा एससी और एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर (वर्गीकरण) पर दिए गए फैसले को लेकर नाराजगी बताई गई है। भारत बंद को लेकर मिल रही जानकारी के मुताबिक अनुसूचित जाति-जनजाति समाज के कई संगठनों से जुड़े पदाधिकारी और कार्यकर्ता शांतिपूर्वक धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसके चलते  राजस्थान, बिहार समेत देश के कई राज्यों में बंद का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। भारत बंद का बीएसपी, एसपी, आरजेडी समेत कई राजनीतिक दलों ने भी समर्थन किया है।  

अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में क्रीमिलेयर को आरक्षण देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बहुजन समाज के विभिन्न संगठन आज सड़कों पर उतर गए हैं। इन संगठनों से जुड़े पदाधिकारी और कार्यकर्ता देशभर में जगह-जगह शांतिपूर्वक धरना-प्रदर्शन कर अपना-अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं।

आज के इस भारत बंद का बीएसपी,एसपी, आजाद समाज पार्टी और आरजेडी समेत कई राजनीतिक दलों ने भी समर्थन किया है। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने आरोप लगाया है की देश में आरक्षण खत्म करने की साजिश हो रही है। उन्होंने बहुजन समाज के संगठनों की अपील पर बुलाए गए भारत बंद का समर्थन किया है। मायावती ने बीएसपी के कार्यकर्ताओं को सड़क पर उतर कर शांतिपूर्व धरना-प्रदर्शन करने को कहा है।  

बीएसपी के राष्ट्रीय को-ऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने भी भारत बंद का समर्थन किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘X’ पर लिखा है कि ‘आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ एससी और एसटी समाज में काफी गुस्सा है, फैसले के विरोध में हमारे समाज ने 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया है। हमारा समाज शांतिप्रिय समाज है, हम सबका सहयोग करते हैं। सबके सुख-दुख में हमारा समाज शामिल होता है, लेकिन आज हमारी आजादी पर हमला किया जा रहा है, 21 अगस्त को इसका शांतिपूर्ण तरीक़े से करारा जवाब देना है।”

समाजवादी पार्टी ने भी भारत बंद का समर्थन किया है। एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि आरक्षण की रक्षा के लिए जन-आंदोलन एक सकारात्मक प्रयास है।  उन्होंने ये भी कहा कि ये शोषित-वंचित समाज के बीच चेतना का नया संचार करेगा और आरक्षण से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ के खिलाफ जन शक्ति का एक कवच साबित होगा। शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतांत्रिक अधिकार होता है। बाबा साहब भीमराव आंबेडकर जी ने पहले ही आगाह किया था कि संविधान तभी कारगर साबित होगा, जब उसको लागू करने वालों की मंशा सही होगी, सत्तासीन सरकारें ही जब धोखाधड़ी, घपलों-घोटालों से संविधान और संविधान द्वारा दिये गये अधिकारों के साथ खिलवाड़ करेंगी तो जनता को सड़कों पर उतरना ही होगा। अखिलेश यादव ने कहा कि जन-आंदोलन बेलगाम सरकार पर लगाम लगाते हैं।

बीएसपी, एसपी, एएसपी के अलावा आरजेडी ने भी आरक्षण के मुद्दे पर बुलाए गए भारत बंद का समर्थन किया है। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जन शक्ति पार्टी ने भी बंद का समर्थन किया है। वहीं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और उनकी पार्टी ने कहा है कि वो बंद के खिलाफ हैं और इसका समर्थन नहीं करते हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राजस्थान के बारां शहर में बंद का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। बाजारों में दुकानें बंद हैं। बंद को लेकर प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है। बंद के दौरान अस्पताल, मेडिकल, लैब और एंबुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। दूध डेयरी, पेट्रोल पंप, बैंक, सभी तरह के सरकारी कार्यालय भी खुले रहेंगे। भारत बंद को देखते हुए राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के सरकारी और गैर सरकारी स्कूल-कॉलेज आज बंद हैं।

बिहार के सहरसा जिले में भी भारत बंद का व्यापक असर दिख रहा है। सहरसा के थाना चौक पर भारत बंद के समर्थक जुटना शुरू हो गए हैं और सड़कों पर जाम लगा दिया है। रामगढ़ में रांची-पटना मुख्य मार्ग को भी जाम कर दिया गया है।  

आपको बता दें कि भारत बंद बुलाने वाले बहुजन समाज के विभिन्न संगठनों की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण में वर्गीकरण यानी कोटे में कोटा वाले फैसले को वापस ले या पुनर्विचार करे।

 

मुख्य संवाददाता
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