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प्रधानमंत्री जी की दूरदर्शी सोच जल ही धन के महत्व को दर्शाते हुए गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होगी जलशक्ति मंत्रालय की झांकी- प्रहलाद सिंह पटेल

मा. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा 15 अगस्त, 2019 को ‘जल जीवन मिशन’ की घोषणा के बाद दूरदराज के गावों में बसने वाले करोड़ों परिवारों का जीवन आसान हुआ है और उनके लिए प्रगति के लिए नए रास्ते खुले हैं।  माननीय प्रधानमंत्री जी का सपना है कि वर्ष 2024 तक देश के प्रत्येक गाँव के हर घर में नल से शुद्ध पेयजल पहुंचे ताकि महिलाओं को पानी ढोकर लाने की सदियों पुरानी मजबूरी से मुक्ति मिले, और सभी लोगों का जीवन सुगम बने। 


घोषणा के समय केवल 3.23 करोड़ (17%) घरों में ही नल से जल उपलब्ध था। कोविड महामारी के बावजूद केवल 29 महीनों में अब 8.8 करोड़ (46%) ग्रामीण घरों, 8.4 लाख (82%) विद्यालयों और 8.6 लाख (87%) आंगनवाड़ी केन्द्रों में नल से शुद्ध जल मिल रहा है। 


झांकी के अग्र-भाग में गौरवमय बूंद ‘हर घर जल’ की सफलता और सम्पूर्ण ग्रामीण जल आपूर्ति व्यवस्था का स्वामित्व स्थानीय समुदाय के पास होने का परिचायक है। मध्य-भाग में लोगों को अपने घरों, विद्यालयों और आंगनवाड़ी केन्द्रों में नल से जल की सुविधा का आनंद उठाते हुए दर्शाया गया है। प्रशिक्षित स्थानीय महिलाएं फ़ील्ड टेस्ट किट्स की मदद से जल गुणवत्ता जांच करती दिख रही हैं। 

https://twitter.com/prahladspatel/status/1484879274415132674?s=20


झांकी के पिछले हिस्से में दर्शाया गया है कि 13,000 फुट की ऊंचाई पर सर्दियों में तापमान -20 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाने से जब जल-स्रोत जम जाते हैं, सप्लाई लाइनें निष्क्रिय हो जाती हैं, पाइप फट जाते हैं और सामान की सप्लाई ठप्प सी हो जाती है, तब भी किस तरह पशुओं और हेलिकॉप्टरों की मदद से निर्माण-सामग्री पहुंचाई जाती है। जमे हुए जल-स्रोतों से पानी निकालने की तकनीकी चुनौती को भी दर्शाया गया है। मुख्य जल आपूर्ति लाइनों को फ्रॉस्ट-लाइन से नीचे बिछाया जाता है, ताकि उनमें पानी जमने न पाए। जहां कहीं भी पाइप फ्रॉस्ट-लाइन से ऊपर ले जाने पड़ते हैं, वहाँ उन्हें ग्लास-वूल, बुरादे और अल्युमीनियम से बनी 4 इंच डायामीटर की स्पेशल-इंसुलेशन से ढका जाता है। सौर-ऊर्जा की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है, ताकि पाइपलाइन में जल प्रवाह बना रहे।

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