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विश्व जल दिवस- ज़मीन से जितना जल लें उससे ज्यादा उसे लौटाएं, तभी हम आने वाली पीढ़ी को कुछ दे पाएंगे- प्रहलाद सिंह पटेल

नई दिल्ली- दिल्ली के ली मेरिडियन होटल में फिक्की एवं धानुका ग्रुप द्वारा आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम ‘ग्राउंड वाटर- मेकिंग द इनविज़बल विज़िबल’ (भूजल- अदृश्य की व्याख्या) का शुभारंभ किया। अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा पहले बात अपने से शुरू होती है फिर दूर तक जाती है। बूंद-बूंद से घड़ा भरता है का अर्थ यही है कि पहले हम खुद संकल्पित उससे दूसरे लोग भी प्रेरित होते हैं।

उन्होंने कहा कि आज वर्तमान में मा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी देश का नेतृत्व कर रहे हैं, बीहेवीयर चेंज के लिए दशकों बाद कोई ऐसा नेतृत्व आया है जिसकी बात पर लोगों को भरोसा है। सामाजकि कार्यों के प्रति लोग कैसे निष्ठा और संकल्प के साथ आगे बढ़े उसके लिए कोई प्रेरणा चाहिए, कोई विश्वास चाहिए, और वो विश्वास प्रधानमंत्री जी के पास है। इसीलिए खुले में शौच से मुक्ति जैसे अभियान सफल हो सके, इससे पहले इनके बारे में कोई सोच नहीं सकता था।

भूजल पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि 90 के दशक में जो भारत सबसे ज्यादा भूजल वाला देश होता था, 2022 में वो सबसे ज्यादा भूजल का दोहन करने वाला बन गया है। नमामि गंगे द्वारा आयोजित ‘यंग माइंड: प्लेजिंग रिवर रिजुवेनेशन’ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए जहां उन्होंने गंगा सहित सभी नदियों को स्वच्छ व निर्मल बनाने की शपथ दिलाई।

उन्होंने जानकारी दी कि मा प्रधानमंत्री जी द्वारा प्रारंभ जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल में 15 अगस्त 2019 से आज तक 6 करोड़ परिवारों को पाइपलाइन से जल पहुँचने का रिकॉर्ड बनाया है। साथ ही उन्होंने कहा कि पीने के पानी की दिक्कत और गिरते भूजल स्तर के विषयों पर सरकार लगातार काम कर रही है। दिल्ली सरकार की उदासीनता के चलते यमुना सफाई के कई प्रोजेक्ट अधर में है।

श्री पटेल ने जोर देते हुए कहा कि आज का दिन सिर्फ इवेंट बनकर ना रह जाए, हमें अपने आचरण में सुधार करना होगा, बूंद-बूंद से घड़ा भरता है की कहावत को चरितार्थ करते हुए जल संरक्षण के प्रति संकल्पित होकर दूसरों को भी जागरुक करें।

मुख्य संवाददाता
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