नई दिल्ली- दिल्ली में नाबालिग लड़की से दरिंदगी के मामले में नई रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं। दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत उपनिदेशक दोस्त की बेटी को नवंबर 2020 से जनवरी 2021 तक आरोपित किशोरी को डरा-धमका कर दुष्कर्म कर रहा था। तब वह कक्षा नौ में पढ़ाई कर रही थी। फरवरी 2021 के अंत में उसे गर्भवती होने का पता चला। तब उसकी आयु 14 वर्ष थी। इसका असर किशोरी के स्वास्थ्य और पढ़ाई पर पड़ रहा था। इस सब से मुक्ति पाने के लिए सुसाइड करने का मन बना चुकी थी।
जब किशोरी ने आरोपी की पत्नी सीमा रानी को पूरी बात बताई तो सीमा ने किशोरी की पिटाई की और चुप रहने की धमकी दी, और अपने बेटे की मदद से गर्भपात की दवा मंगाकर उसे खिला कर गर्भपात करा दिया। इसके बाद से किशोरी का स्वास्थ्य काफी खराब रहने लगा। बहुत ज्यादा परेशान हो जाने पर किशोरी अप्रैल 2021 में अपनी मां के पास चली आई। यहां भी आरोपी अफसर उसे परेशान कर रहा था।
यौन शोषण का असर किशोरी के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ा। इससे वह पढ़ाई में लगातार पिछड़ती चली गई। कोरोना महामारी के दौरान जब वह उपनिदेशक के घर रहने गई तब ऑनलाइन कक्षाएं चल रही थीं।यौन शोषण के कारण दिसंबर में परीक्षा में उसके अंक कम आए। पीड़िता को लगता था कि उसके साथ जो हुआ है, उस पर उसकी मां भी विश्वास नहीं करेगी, इसलिए वह सब सहती रही।
गौरतलब है कि सोमवार (21 अगस्त) को दोस्त की नाबालिग बेटी को डरा-धमकाकर कई महीने तक दुष्कर्म करने के आरोपित दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत उपनिदेशक प्रेमोदय खाखा (51) और उसकी पत्नी सीमा रानी (50) को उत्तरी जिला पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया।बुराड़ी के शक्ति एन्क्लेव स्थित फ्लैट से दोनों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने सीमा रानी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। आरोप है कि खाखा की पत्नी सीमा किशोरी के साथ मारपीट करती थी और पीड़िता को गर्भ ठहरने पर गोलियां खिलाकर गर्भपात करा दिया था। इस मामले में बुराड़ी थाना पुलिस ने 11 अगस्त को मामला दर्ज किया था।
इस बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार सुबह मुख्य सचिव को आदेश जारी कर उपनिदेशक को तुरंत निलंबित करने व पांच दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपने को कहा। इसके बाद मुख्य सचिव ने आरोपित को निलंबित कर दिया। उधर, डीसीपी उत्तरी जिला सागर सिंह कलसी का कहना है कि 17 वर्षीय पीड़िता के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है।