नई दिल्ली- मुख्य न्यायधीश बीआर गवई पर जूता फैंकने वाले वकील राकेश किशोर पर पुलिस ने पूछताछ करने के तीन घंटे बाद रिहा कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने उनके
खिलाफ आरोप लगाने से इंकार कर दिया है।
दरअसल मुख्य न्यायधीश गवई ने राकेश किशोर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने से मना
करते हुए उसे माफ कर दिया। आपको बता दें कि सोमवार को देश के मुख्य न्यायधीश बीआर
गवई सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई कर रहे थे, इस दौरान पेशे से वकील राकेश किशोर मुख्य
न्यायधीश के पास पहुंच गया और अपना जूता निकालकर उनकी तरफ उछालने की कोशिश की, तभी
वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने वकील को पकड़ लिया, इसके बाद वकील ने कोर्ट में
नारेबाजी शुरू कर दी, इससे कुछ देर तक कोर्ट की कार्यवाही बाधित रही, वहीं इस घटना
को लेकर मुख्य न्यायधीश ने कहा कि उन्हें ऐसी घटनाओं से फर्क नहीं पड़ता है, मैं
उन्हें माफ करता हूं।
गौरतलब है कि पूरा मामला खजुराहो के जवारी मंदिर से जुड़ा है, पिछले दिनों मुख्य न्यायधीश बीआर गवई ने इस मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करने वाली याचिका खारिज कर
दी थी, सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस अपने दिए गए बयानों को लेकर सोशल
मीडिया पर वायरल भी हुए थे, जिसके बाद सोशल मीडिया पर उनका विरोध शुरू हो गया था। सोशल
मीडिया पर विरोध के बाद चीफ जस्टिस बीआर गवई ने इस मामले में अपना पक्ष भी रखा था,
उन्होंने कहा था कि ‘किसी ने मुझे बताया कि मैंने जो टिप्पणियां की थीं, उन्हें सोशल मीडिया पर वायरल किया गया है, मैं सभी धर्मों
का सम्मान करता हूं।’
वकील राकेश किशोर को बार
काउंसिल ऑफ इंडिया ने निलंबित कर दिया है, निलंबन के दौरान उसे किसी भी
न्यायालय, ट्रिब्यूनल या अधिकरण में पेश होने, वकालत करने या पैरवी करने की अनुमति नहीं होगी, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने उसका
लाइसेंस रद्द कर दिया है।
इस घटना के बाद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्य न्यायधीश बीआर गवई से फोन पर बात की। उन्होंने
अपने एक्स हेंडल पर लिखा कि सुप्रीम कोर्ट परिसर में उन पर हुए हमले ने पूरे देश
के हर नागरिक को व्यथित कर दिया है। हमारे मसाज में ऐसी घृणित हरकतों की कोई गुंजाइश
नहीं है, यह बेहद निंदनीय है। ऐसे समय में न्यायमूर्ति गवई द्वारा दिखाए गए धैर्य
की मैं ह्रदय से प्रशंसा करता हूं, यह उनकी न्याय सिद्धांतों के प्रति अटूट निष्ठा
और संविधान की गरिमा को सशक्त बनाने की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
कांग्रेस नेता सोनिया
गांधी ने मुख्य न्यायाधीश गवई के जूता कांड की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश पर
सर्वोच्च न्यायालय में हुए हमले की निंदा करने के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं
है, यह न केवल उन पर बल्कि संविधान पर भी हमला है, उन्होंने कहा, मुख्य न्यायाधीश गवई बहुत दयालु रहे हैं, लेकिन राष्ट्र को गहरी
पीड़ा और आक्रोश के साथ उनके साथ एकजुटता से खड़ा होना चाहिए।