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प्रहलाद सिंह पटेल ने किया राजा हिरदेशाह की प्रतिमा का अनावरण, भीषण गर्मी के बावजूद जुटे लाखों लोग

मध्यप्रदेश- गुरुवार को केंद्रीय राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने नरसिंहपुर जिले के केरपानी गाँव में 1842 की बुंदेला क्रांति के महानायक राजा हिरदेशाह लोधी जी की अष्टधातु से बनी 11 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा का अनावरण किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने की। 


प्रतिमा का अनावरण करते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि मां नर्मदा के तट पर हम सबके लिए यह एक ऐतिहासिक पल है, जब इतिहास के महानायक राजा हिरदेशाह जी की भव्य मूर्ति के अनावरण का हम और आप सब इस पल के साक्षी बन रहे हैं, और हम आने वाली पीढ़ियों को यह बताएंगे कि हमने राजा हिरदेशाह को तो नहीं देखा लेकिन उनकी भव्य प्रतिमा की स्थापना के साक्षी रहे हैं। आप ही हैं जो उनकी महानता को अपने आने वाले बच्चों के सामने रखेंगे। क्योंकि इतिहास लिखने वालों ने उनके साथ न्याय नहीं किया। नरसिंहपुर मैं आजादी की लड़ाई करने वालों को नमन करता हूं क्रांतिकारी वीर सेनानी राजा हिरदेशाह लोधी के वंशजों से अंग्रेजों ने कहा कि माफी मांग लो सारी संपत्ति वापस कर देंगे पर उन्होंने अंग्रेजों से माफी नहीं मांगीl राजा के वंशज स्वाभिमानी है। जो अंग्रेजों के सामने नहीं झुके। मैं हर वर्ष 28 अप्रैल को केरपानी की नर्मदा तट पर स्थित सेनानी राजा हिरदे शाह लोधी की मूर्ति के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए आता रहूंगा। प्रतिमा स्थापित करने पर मैं अपने अनुज विधायक जालम सिंह पटेल को धन्यवाद देता हूं।  


मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का ह्रदय से अभिनंदन करता हूं कि उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव में इस पवित्र काम का बीड़ा उठाया और गुमनाम बलिदानियों और स्वतंत्रता सेनानियों को देश के सामने लाने का काम किया। प्रधानमंत्री ने कहा था कि इतिहास के दस्तावेज़ों में गुम कर दिये गए बलिदानियों को स्मरण किये बिना आजादी का अमृत महोत्सव पूरा नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि जब हम गुमनाम महाबलिदानियों को याद करेंगे, तभी अमृत महोत्सव भी अमर हो पाएगा।


राजा हिरदेशाह के जीवन संघर्ष के कुछ किस्से सुनाते हुए उन्होंने कहा कि यह बेहद अफसोस और दुख की बात है कि राजा हिरदेशाह के वंशजों के पास आज भी कोई जमीन-जायदाद नहीं है। अमर शहीदों के बलिदान से हमें प्रेरणा लेते हुए, हमें अपनी गलतियों से सीखना होगा तभी हम अपने समाज और देश को मजबूती दे पाएंगे। हमारे युवा पीढ़ी को इतिहास की बारीकियों को जानने की आवश्यकता है। सन् 1842 की क्रांति के प्रणेता क्रांतिकारी राजा हिरदेशाह और अन्य बलिदानियों और क्रांतिकारियों के इतिहास और उनके त्याग तपस्या को जानने की आवश्यकता है। 


हमें पूर्व की भूलों व कमियों से सबक लेने की जरूरत है, अपनी भूल सुधारकर ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को ईमानदार और सही इतिहास दे सकते हैं। यदि ऐसा करके हम आजादी के इस अमृत महोत्सव में अपने महाबलिदानियों का इतिहास अपनी पीढ़ियों को दे पाते हैं तो यह सिर्फ इतिहास ही नहीं बल्कि हमारे पूर्वजों के साथ भी न्याय होगा। हमें अपने समाज के लिए संकल्प लेना होगा और संकल्प में विकल्प नहीं होता। अगर संकल्प में विकल्प सोचेंगे तो महानतम कार्य रुक जाएंगे।  


इस अवसर पर सांसद राव उदय प्रताप सिंह, विधायक संजय शर्मा,  विधायक जालम सिंह पटेल, विधायक धर्मेंद्र सिंह, विधायक एन.पी. प्रजापति, विधायक विपिन कुमार(डेविड), राजा हिरदेशाह जी के वंशज राजा कौशलेंद्र सिंह और अन्य गणमान्य तथा देश के अनेक राज्यों से लोधी समाज के पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। भीषण गर्मी के बावजूद इस भव्य कार्यक्रम में देशभर से लाखों लोगों ने शिरकत की।

मुख्य संवाददाता
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