नई दिल्ली- दिल्ली सरकार में मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. पिछले दिनों एक ‘धर्मांतरण कार्यक्रम’ में शामिल होने से जुड़ा एक वीडियो सामने आने के बाद वह विवाद में घिर गए थे और बीजेपी लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रही थी. इस कार्यक्रम में मौजूद सैकड़ों लोगों ने कथित तौर पर बौद्ध धर्म अपनाने और हिंदू देवताओं को भगवान नहीं मानने का संकल्प लिया था.
दिल्ली के समाज कल्याण, सहकारिता और अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री गौतम ने अपना दो पन्ने का इस्तीफा ट्वीट करते हुए लिखा, ‘आज महर्षि वाल्मीकि जी का प्रकटोत्सव दिवस है और दूसरी ओर मान्यवर कांशीराम साहेब की पुण्यतिथि भी है. ऐसे संयोग में आज मैं कई बंधनों से मुक्त हुआ और आज मेरा नया जन्म हुआ है. अब मैं और अधिक मज़बूती से समाज पर होने वाले अत्याचारों व अधिकारों की लड़ाई को बिना किसी बंधन के जारी रखूंगा.’
उन्होंने लिखा, ‘मैं नहीं चाहता कि मेरी वजह से मेरे नेता अरविंद केजरीवाल जी और मेरी पार्टी पर कोई आंच आए. मैं पार्टी का एक सच्चा सिपाही होने के नाते तथागत बुद्ध तथा बाबा साहेब द्वारा दिखाए गए न्यायसंगत एव समतामूलक संवैधानिक मूल्यों का आजीवन निर्वाह करूंगा.’
इस वीडियो के वायरल होने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निधाना साधते हुए उनसे गौतम को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की थी. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने संवाददाता सम्मेलन में ‘आप’ पर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि ‘गौतम की टिप्पणी उस नफरत को दर्शाती है, जो पार्टी के मन में समुदाय (हिंदुओं) के प्रति है.’हालांकि, गौतम ने इसे लेकर बयान जारी कर कहा था कि वह ‘बहुत धार्मिक व्यक्ति हैं और अपने कर्म तथा वचन से किसी देवता की सपने में भी आलोचना/निंदा नहीं कर सकते हैं.’ गौतम ने बयान में बीजेपी पर उनके खिलाफ अफवाह फैलाने और दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया और कहा कि ‘बीजेपी के प्रोपगैंडा के कारण जिनकी भावनाएं आहत हुई हैं, उनसे हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं.’