img

दबंगों से नमस्ते नहीं करने पर दलित बुजुर्ग को मिली तालिबानी सजा, तीन घंटे तक बंधक बनाकर बेरहमी से पिटाई की

मध्यप्रदेश- बुंदेलखंड के छतरपुर जिले में जातीय अहम से भरे दबंगों ने दलित बुजुर्ग से के साथ इसलिए मारपीट कर दी कि उसने हाथ जोड़कर नमस्ते नही की। बुजुर्ग का आरोप है कि उसे 3 घंटे तक बंधक बनाकर मारा गया और बाद में छोड़ा। घटना के बाद परिजन पीड़ित बुजुर्ग को हाथों में उठाकर एसपी ऑफिस पहुंचे, क्योंकि बुजुर्ग घायल होने के कारण चल भी नहीं पा रहा था। मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

सूचना के अनुसार खजुराहो थाना क्षेत्र के गांव उदयपुरा में रहने वाले 59 साल के नाथूराम अहिरवार के साथ गांव में ही रहने वाले अखिलेश दुबे और रामजी पांडे ने मारपीट कर दी। नाथूराम का कहना है कि 'वह अपने घर से राशन लेने के लिए दुकान पर जा रहे थे, जिसका रास्ता आरोपियों के मकान के सामने से होकर जाता है। जब वे वहां पहुंचे तो पता चला कि राशन की दुकान बंद है और वापस लौट कर आए तो रामजी पांडे और अवधेश दुबे ने उन्हें रास्ते में यह कहते हुए रोक लिया कि तुम्हारी इतनी हिम्मत कि हमारे सामने से निकल गए और हमें हाथ जोड़कर नमस्कार नही किया। यह कहते हुए दोनों ने बंधक बना लिया और मारना शुरू कर दिया।

नाथूराम अहिरवार का कहना है कि उसे पहले बंधक बना कर एक कमरे में रखा गया। तीन घंटे तक आरोपी उसके साथ मारपीट करते रहे। इस बीच आरोपी जाति सूचक शब्दों का भी इस्तमाल कर रहे थे। नाथूराम का कहना है कि उसे बांधकर पैरों के तलवों में मारा गया। यही वजह है कि नाथूराम चल भी नहीं पा रहो हैं।

नाथूराम के बेटे हरिशंकर का कहना है कि उसके पिता जी राशन लेने गए थे। लौट कर आते वक्त गांव के दो दबंगों ने इस बात पर उनसे मारपीट कर दी कि तुमने हमें हाथ जोड़कर नमस्कार क्यों नही किया। इस बात पर नाराज दबंगों ने उन्हे बांधकर कर पीटा।

नाथूराम के बेटे हरिशंकर का कहना है कि उसके पिता जी राशन लेने गए थे। लौट कर आते वक्त गांव के दो दबंगों ने इस बात पर उनसे मारपीट कर दी कि तुमने हमें हाथ जोड़कर नमस्कार क्यों नही किया। इस बात पर नाराज दबंगों ने उन्हे बांधकर कर पीटा। लेकिन दबंगों ने उसे भगा दिया। इसी बात से डर कर पीड़ित थाने न पहुंच कर सीधा एसपी ऑफिस पहुंचे और मामले में कार्यवाही की मांग करने लगे। इसके बाद छतरपुर एसपी अमित संघी के कहने पर खजुराहो ने आरोपियों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया।


मुख्य संवाददाता
मुख्य संवाददाता
मुख्य संवाददाता
PROFILE

' पड़ताल ' से जुड़ने के लिए धन्यवाद अगर आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो कृपया इसे शेयर करें और सबस्क्राइब करें। हम एक गैर-लाभकारी संगठन हैं। हमारी पत्रकारिता को सरकार और कॉरपोरेट दबाव से मुक्त रखने के लिए आर्थिक मदद करें।

संबंधित खबरें

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked with *

0 Comments

मुख्य ख़बरें

मुख्य पड़ताल

विज्ञापन

संपादकीय

  • शिक्षक दिवस का चयन और जातिवादी मानसिकता

    शिक्षक दिवस एक बहुत ही पवित्र और सराहनीय दिवस है। ऐसे में इस दिन की महत्ता और बढ़ जाती है जब गुरु-शिष्य की परंपरा और मर्यादा खत्म हो रही है। वास्तव में डॉ. राधाकृष्णन  भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत…

वीडियो

Subscribe Newsletter

फेसबुक पर हमसे से जुड़े