दमोह : 12 जनवरी 2022- आजादी के पूरे 75 वर्ष हो चुके हैं यह 75 वर्ष ममूली समय नहीं होता 75 वर्ष में हम अपनी आंखों से जिस भारत को देख रहे हैं,
100 वर्ष बाद यह भारत कहां
पर होगा, उस समय भारत की तस्वीर
क्या होगी, यह सोचने का काम आने वाली
पीढ़ी को अपने कंधों पर उठाना होगा, उसको जिम्मेदारी लेनी होगी कि 100 वर्ष बाद हम अपने आने वाली पीढ़ी को पीने के लिए साफ पानी एवं शुद्ध अक्सीजन
दे पाएंगे या नहीं, यह जमीन रहने
लायक बचेगी या नहीं, जिम्मेदारियां
समय के साथ बढ़ती जाएंगी। इस आशय के विचार आज केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग
एवं जल शक्ति राज्यमंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने बटियागढ़ तहसील के ग्राम मगरौन
स्थित जरारूधाम में आयोजित राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर “स्वच्छता एवं जल साक्षरता” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला में व्यक्त किये। इस अवसर पर
जलपुरूष और रमन मेग्सेसे पुरूस्कार से सम्मानित डाँ राजेन्द्र सिंह का पुष्पगुच्छ
और शाल तथा स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया तथा जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार
द्वारा अतिथियों को मूमेंटो भेंट किये गये। इस मौके पर नागरिक आपूर्ति निगम
अध्यक्ष प्रदुम्नसिंह लोधी, वेयर हाउसिंग एवं
लॉजिस्टिक कार्पोरेशन अध्यक्ष राहुल सिंह, विधायक दमोह अजय टंडन, विधायक जबेरा
धमेन्द्र सिंह लोधी, विधायक हटा
पुरूषोत्तम लाल तंतुवाय, विधायक पथरिया,
रामबाई सिंह परिहार, कलेक्टर एस.कृष्ण चैतन्य, पुलिस अधीक्षक डीआर तेनीवार, मनु मिश्रा, पूर्व जिलाध्यक्ष
नरेन्द्र व्यास, बीरेन्द्र दबे,
आलोक जैन, शंकर मेहतो मंचासीन थे।
केन्द्रीय राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा जो
लोग 20 और 22 साल के हैं उनको लंबा जीवन भविष्य में गुजारना
है। आज का दिन सार्थक होगा विवेकानंद जी को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी, कि हमारे नवजवानो का शरीर और कंधे इतने मजबूत
हो कि भारत माता की गुलामी की जंजीरों को भी काटे और एक दिन भारत को विश्व गुरु
बना कर दुनिया के सामने प्रस्तुत करें।
केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री पटैल ने कहा आज के
दिन हम राजेंद्र सिंह जी के साथ बैठकर विचार विमर्श में शामिल हो रहे है और जो
नौजवान यहां से जाएगा जीवन के रास्ते में भटकाव से दूर रहेगा इन्हीं शुभकामनाओं के साथ उन्होंने अभिनंदन किया।
उन्होंने कहा प्रधानमंत्री जी ने कहा यह सफलता
नहीं है, यह एक पड़ाव है एक सीढ़ी
है अभी इसके आगे चलना बाकी है।
उन्होंने कहा अगर जल के साथ मर्यादा का पालन नहीं
करोगे तो पाषाण का होना तय है, इस कहानी का अर्थ
यह है। हर स्रोत की मर्यादा है, क्या उन स्रोतों
की हम चिंता करते हैं। वह कुएं बावड़ी, तालाब, सरोवर, नदी एवं नाले यह छोटी चीजें हैं लेकिन इन्हीं
सब की मर्यादा हैं । हम जब पहाड़ पर जाकर देखते हैं तो लोग चश्मे से पानी पीते हैं
लेकिन उत्तर पूर्व में एक बड़ी चुनौती सामने आई है, यह चश्मे खत्म हो रहे हैं, मैं खुद नागालैंड जाने वाला हूं, जहां चश्मे से पानी पीने वाला वर्ग में अब त्राहि-त्राहि मच
रही है। क्योंकि उन्होने उस जगह पर मोटर लगा दी है। उनके पूर्वज नालिया बनाकर
चश्मे के पानी को नीचे लाते थे और बाकी परिवार उस पानी को लेकर चला जाता था। लेकिन
तकदीर का हंकार देखिए मोटर लगाई तो चश्मा समाप्त हो गया और पूरा गांव समाज एक एक
बूंद पानी को तरसने लगा है, यह जो मर्यादाओं
का उल्लंघन है। उन्होंने यक्ष की कहानी पर भी विस्तार से जानकारी देते हुये कहा
सिर्फ शिक्षा जरूरी नहीं है ज्ञान भी जरूरी है।
केंद्रीय राज्यमंत्री श्री पटेल ने कहा भारतवर्ष
के गौरव स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर युवा उत्सव के दिन स्वच्छता एवं जल
साक्षरता पर जो कार्यक्रम हुआ है। इस कार्यक्रम में जिले भर के सभी नौजवान भाई एवं
बहनें आए उनका एवं विशेष रुप से जल पुरुष डॉक्टर राजेंद्र सिंह जी तथा समस्त
जनप्रतिनिधियों एवं विधायक गणों का हृदय से आभार जताया।
उन्होंने कहा दमोह जिले में नदियों के
पुनरुत्थान एवं पुनर्जीवन देने के लिए एक क्रमबद्ध अभियान शुरू होगा। जिसमें
नौजवान भाई एवं बहन शामिल होंगे इस कार्यक्रम की यही सफलता है, जिससे हम जिले को आदर्श रूप में प्रस्तुत कर सकें। सभी
लोग इस बात को मानते हैं चाहे वह नदी जोड़ो अभियान, जल जीवन मिशन,
स्वच्छता मिशन एवं ओडीएफ प्लस टू हो यह सारे
वहीं क्रम है, जिसके कारण हम
बहुत बेहतर तरीके से आगे बढ़ रहे हैं। जल स्रोतों की मैपिंग होने की जो बात कही गई
है वाटर बॉडीज की भारत सरकार ने वह अध्यादेश जारी भी किया है, वह नोटिफिकेशन हम सबको लाभ देगा उसके बाद
राज्यों की जिम्मेदारी है कि वह उसको कैसे आगे बढ़ाए।
जलपुरूष और मेगसेसे पुरूस्कार से सम्मानित डाँ
राजेन्द्र सिंह ने कहा यदि अनुशासन होगा तो दमोह देश में पानी दार बनेगा। पानी का
काम करना सीख जाएंगे पहले हमारी आंखों में पानी आना चाहिए हमारी आंखों का पानी सूख
गया है जो यह जल संरचना है आज कि हमारी आंखों में पानी पहले कैसे आए यह समझने की
जरूरत हैं। हमारी आधुनिक शिक्षा के कारण इसलिए मुझे इस मंच से कहते हुए बहुत खुशी
हैं जल शक्ति मंत्रालय में एक ऐसे व्यक्ति मंत्री हैं, जो पानी के काम को शुभ काम मानते हैं, पुण्य का काम मानते हैं, जो पानी को लाभ का काम नहीं मानते।
नर्मदा समग्र के श्री कार्तिक सप्रे ने कहा
समिति नर्मदा नदी के उद्गम स्थल से समापन तक निरंतर कार्य कर रहा हैं, जिसमें लोगो को जागरूक करना उन्हें प्रेरित
करना व्यापक स्तर पर यह कार्य चल रहा हैं। उन्होंने कहा नर्मदा स्वच्छता समिति का
प्रारंभ से ही स्वच्छता के साथ-साथ घाटो की सफाई भी की जाती हैं। उन्होंने कहा
लगभग 7-8 साल पूर्व नदी स्वास्थ्य
को लेकर नर्मदा नदी स्वास्थ्य सूचकांक एक प्रयोग शुरू किया गया। कार्यशाला में
संजय सिंह और जल जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक और श्री मनीष ने भी अपनी बात
विस्तार से रखी।
कार्यक्रम में सांसद प्रतिनिधि नरेन्द्र बजाज,
डॉ आलोक गोस्वामी, पूर्व विधायक लखन पटैल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, अधिकारीगण तथा कॉलेज के छात्र-छात्रायें मौजूद
थे। प्रथम चरण में विधायक हटा पीएल तंतवाय और समापन अवसर पर समाजसेवी नरेन्द्र
दुबे द्वारा आभार प्रर्दशन तथा कार्यक्रम का संचालन डॉ आलोक सोनवलकर एवं विपिन
चौबे ने किया।