फरीदाबाद के सेक्टर 16 स्थित मैरिंगो क्यूआरजी अस्पताल के सीवर टैंक की सफाई करने उतरे चार सफाई कर्मियों की दम घुटने से मौत हो गई। वहीं, दो को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शव पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल बीके की मोर्चरी में रखवा दिए हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। फिलहाल परिजनों के न पहुंचने के कारण अभी किसी के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है। एसीपी महेंद्र वर्मा के नेतृत्व में थाना प्रभारी धनप्रकाश हादसे की जांच कर रहे हैं।
मृतकों की पहचान दक्षिणपुरी दिल्ली के संजय कैंप निवासी सगे भाई रोहित व रवि, विशाल और रवि के रूप में हुई है। इनकी उम्र लगभग 25 से 30 वर्ष है। पुलिस जांच में सामने आया कि यह सफाई कर्मी संतुष्टि एलाइड सर्विसेज के लिए कार्य करते थे और सफाई के लिए हर माह मैरिंगो क्यूआरजी अस्पताल आते थे। बुधवार अस्पताल के सेफ्टी टैंक की सफाई कर रहे थे। पहले दो युवक अंदर सफाई के लिए उतरे। गैस की वजह से बेहोश होने पर दूसरे दो युवक उन्हें बाहर निकालने के लिए जैसे ही अंदर उतरे वह भी बेहोश हो गए। चारों को फायर की टीम ने मृत निकाला। अस्पताल के मेंटेनेंस सुपरवाइजर समेत दो भर्ती हैं। पुलिस द्वारा मृतकों के परिजनों को सूचित कर दिया गया है। परिजनों की शिकायत पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
दशहरा के त्योहार पर चार कर्मचारियों की मौत से परिवार में मातम छा गया। इसमें दो सगे भाई थे। वहीं, दो लोग घायलों में एक आईसीयू में भर्ती हैं। घटना की सूचना मिलते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस ने चारों शवों को पोस्टमार्टम के लिए बीके अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है। परिजनों के नहीं पहुंचने के कारण बुधवार देर शाम तक किसी का पोस्टमार्टम नहीं हो सका।
बुधवार दोपहर करीब साढे 12 बजे ठेका कर्मचारी सीवर टैंक में सफाई करने उतरे। कुछ देर तक जब पहले उतरे कर्मचारी बाहर नहीं निकले तो दो अन्य कर्मचारी उन्हें बाहर निकलने के लिए उतर गए। जानकारी के अनुसार किसी भी कर्मचारी ने सुरक्षा उपकरण नहीं पहने थे। मृतकों में न तो किसी के पास सेफ्टी किट थी और न ऑक्सीजन सिलिंडर था। सीवर टैंक के दो मैनहोल होने चाहिए। यहां केवल एक था। जिससे दम घुटने के कारण कर्मचारियों की मौत हो गई। ऐसा नहीं की सीवर टैंक में दम घुटने से मौत की यह पहली घटना हो। इससे पहले भी शहर में कई मौत हो चुकी हैं। इन घटनाओं के बावजूद अस्पताल प्रबंधन और ठेकेदार ने कोई सबक नहीं लिया। जिसकी भेंट बुधवार को चार कर्मचारी चढ़ गए। सरकार द्वारा सीवर टैंकों में घुसकर सफाई करना प्रतिबंधित है। यदि घुसते भी है तो सुरक्षा उपकरण पहनकर उतना होगा। इसके बावजूद अस्पताल में नियमों की अनदेखी गई है।
अग्निशमन (फायर सेफ्टी) अधिकारी सत्वान ने बताया कि अस्पताल के सुरक्षा कर्मी द्वारा उन्हें सूचना मिली की सीवर टैंक में उतरे चार कर्मचारी अंदर ही बेहोश हो गए। सूचना मिलते ही नौ कर्मचारियों की टीम के साथ मौके पर पहुंचे और शवों को बाहर निकाला। अस्पताल के डॉक्टरों ने सभी की जांच की। जिसमें सभी मृत पाए गए। इस दौरान टैंक में उतरे किसी कर्मचारी ने सुरक्षा उपकरण नहीं पहने हुए थे। आशंका है कि सभी के दम घुटने से मौत हुई, इसमें एक वजह सेफ्टी किट नही होना भी है।
नगर पालिका कर्मचारी संघ के राज्य प्रधान नरेश कुमार शास्त्री व नगर निगम सीवर मैन यूनियन के प्रधान अनूप वाल्मीकि ने जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन से कॉन्ट्रेक्ट अबॉलिश लेबर एक्ट एवं सुप्रीम कोर्ट के 2011 की हिदायतें हैं। इसमें मैनपावर सप्लाई करने वाली कंपनी संतुष्टि एलाइड सर्विसेज के मालिक मुनेश व सुशील और क्यूआरजी अस्पताल के मालिक के खिलाफ प्रिंसिपल एंपलॉयर के नाते हत्या और एससी एसटी एक्ट का मामला दर्ज कर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। शास्त्री ने कहा कि सरकार सफाई एवं सीवर मैन कर्मचारियों की मौतों का तमाशा देख रही है जबकि सफाई कर्मचारियों के मुख्य संगठन नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा द्वारा लगातार सरकार से सीवर एवं सेफ्टी टैंको में हो रही मौतों पर रोक लगाते हुए सख्त कानून बनाने एवं मृतकों के आश्रितों को न्याय देने की मांग की जा रही है। सभी मृतक सफाई मजदूरों के आश्रितों को 50-50 लाख रुपये आर्थिक सहायता राशि व परिवार के एक सदस्य को नियमित सरकारी नौकरी देने तथा चारों सफाई मजदूरों की हत्या के दोषियों के खिलाफ धारा 302 व एससी-एसटी एक्ट के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर सख्त सजा देने की मांग की है।
हर वर्ष अस्पताल की सीवर सफाई का वार्षिक ठेका दिया जाता है हादसे में अस्पताल की कोई कमी नहीं है लेकिन ठेकेदार ने लापरवाही दिखाई है कि सीवर लाइन मिथैन गैस के प्रवाह की जांच किए बिना ही ठेकेदार ने चार कर्मचारियों को बिना सुरक्षा उपकरण के सीवर लाइन में उतार दिया। जिससे दम घुटने से उनकी मौंत हुई। उन्हें बचाने के लिए गए अस्पताल के दो सफाई कर्मी भी बेहोश हुए हैं। जिन्हें दमकल कर्मियों ने सुरक्षित निकाल लिया। इस लापरवाही के लिए अस्पताल ने ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड करने की कार्रवाई की है।
क्यूआरजी अस्पताल के प्रवक्ता के अनुसार अस्पताल ने सफाई और रखरखाव के लिए पिछले कई वर्षों से एक एजेंसी के साथ करार किया हुआ है। इस प्रकार के कार्यों के लिए तैनात कार्यबल की सुरक्षा की जिम्मेदारी एजेंसी की होती है।