प्योर इंडिया ट्रस्ट के संस्थापक प्रशांत पाल कुछ दिनों से लगातार देश भर की सैकडों सामाजिक संस्थाओं (NGO) को आगे बढ़ाने में सहयोग कर रहे हैं। देश के अलग अलग जगहों पर जाकर सामाजिक संस्थाओं को देश निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए आने वाली समस्या के निवारण को हल करने के मूल सूत्र बता रहे हैं।
प्योर इंडिया ट्रस्ट कम समय में कैसे एक बड़ी NGO बनने के साथ दान दाताओं और अनेक कंपनियों की पहली पसंद बनी है, इसका हर कारण और रहस्य हर छोटे से छोटे NGO को उसकी क्षमता बढ़ाने में काम आता है।
प्योर इंडिया ट्रस्ट एक सामाजिक संस्था है जो मुख्यत: महिला सशक्तिकरण एवं स्वरोजगार, कैरियर मार्गदर्शन, ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य, रोजगार एवं आदर्श ग्राम बनाने के क्षेत्रों में कार्य करता है।
प्रशांत पाल करौली, राजस्थान के एक छोटे से गांव से निकलकर यहाँ तक पहुंचे हैं | वो अपने करियर के 17 साल अनेक कंपनियों में ऊंचे पदों पर रह चुके हैं, लेकिन उनकी रूचि सामाजिक काम में होने से उन्होंने बड़ी कंपनियों के पद को छोड़कर सामाजिक कार्यों को करने के लिए 2013 में प्योर इंडिया ट्रस्ट की स्थापना की और प्योर इंडिया को सफल बनाने के बाद वो अपना अनुभव देश की अनेक सामाजिक संस्थाओं की क्षमता बढ़ाने में कर रहे हैं । इसके साथ ही वो बहुत से NGO को अपना सहयोगी भी बना रहे हैं। अच्छा काम करने वाली संस्थाओ को CSR फण्ड और डोनेशन लेने के काबिल बनाते हैं।
प्रशांत पाल जी सामाजिक संस्थओं का 2 दिन का ट्रेनिंग प्रोग्राम करते हैं, जिसमे सभी समस्याओं का समाधान बताने के साथ सरकारी नियमों की पालन करने, परियोजना प्रस्ताव बनाने के नियम, कंपनियों से बात करने एवं उन तक पहुँचने, कम्पनियों का डेटाबेस आदि का प्रशिक्षण देते हैं। इसके साथ ही संस्थाओं को भविष्य योग्य बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिसीजन मेकिंग, इनोवेशन, डिजिटल टेक्नोलॉजी और कोर विज़न को लेकर प्रशिक्षित किया जाता है।
संस्था द्वारा प्योर सोशल इम्पैक्ट एंड आउटरीच अवार्ड 2022 का आयोजन भी किया जायेगा जिसमें प्रशिक्षण कार्यशाला में भाग ले चुकी संस्थाए मान्य होंगी और इन संस्थाओं से चयनित संस्थाओं को डोनेशन एवं अवार्ड दिए जायेंगे।
अब तक २० ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करवा चुके हैं, जिसमे 1000 से ज्यादा सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया है, जबकि 4 ऑफलाइन प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित कर चुके हैं। जिसमे दिल्ली, जयपुर, मुंबई एवं नोएडा में कार्यशाला आयोजित हो चुकी हैं, जिसमे 80 सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया है। जिसमें राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, गुजरात, पंजाब, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, लद्दाक, उत्तराखंड, कर्नाटक, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखण्ड, बिहार, महाराष्ट्र एवं आसाम आदि राज्यों के प्रतिभागी उपस्थित रहे।
सभी सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि प्रशिक्षण लेने के बाद उत्साहित, प्रेरित एवं आशावान दिखते हैं, क्योंकि सालों से आ रही समस्या को हल करने का सूत्र प्रशांत पाल से उन्हें मिल जाता है।
प्रशांत पाल ने बताया कि हमारा उद्देश्य देश के कोने कोने में ट्रांसप्रेंट, विश्वसनीय, ईमानदार संस्थाओं को तैयार करना है, जिससे सीएसआर कंपनियों को आसानी से सामाज के लिए काम करने वाली विश्वसनीय संस्थाए मिल सके एवं देश के निर्माण में संस्थाओं की भागीदारी का पूरा परिणाम भी मिल सके।