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किसान की बेटी प्रियंका ने यूपी पीसीएस परीक्षा-2023 में लहराया परचम, डिप्टी जेलर पद पर हुआ चयन

मेरठ, 24 जनवरी :  उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की तरफ से आयोजित यूपी पीसीएस परीक्षा-2023 के अंतिम चयन परिणाम में मेरठ जिले के कई होनहारों ने सफलता का परचम लहराया है। इनमें मवाना तहसील क्षेत्र के मीवा गांव की रहने वाली प्रियंका का नाम भी शामिल है। प्रियंका चयन डिप्टी जेलर के पद पर हुआ है। बेटी इस कामयाबी से परिजन बेहद खुश हैं और लोग घर जाकर उन्हें बधाई दे रहे हैं।  

किसान परिवार की बेटी प्रियंका ने कड़ी मेहनत और लगन से दूसरे प्रयास में यूपी पीसीएस परीक्षा में सफलता हासिल कर अपनी प्रतिभा को साबित कर दिखाया है। इसके साथ ही उन्होंने मेरठ जिले को गौरवान्वित किया है और क्षेत्र का मान भी बढ़ाया है। यूपी पीसीएस परीक्षा-2022  वो पहले प्रयास में साक्षात्कार तक पहुंची थीं, लेकिन सफल नहीं हो सकी थीं।   

यूपी पीसीएस 2023 में डिप्टी जेलर के पद पर चयनित 28 वर्षीय प्रियंका शुरू से ही मेधावी छात्रा रही हैं। इन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई सर्वोदय इंटर कॉलेज मवाना से की है। इसके बाद चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से बीएससी और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय से एमएससी गणित में उत्तीर्ण की है। पढ़ाई पूरी करने बाद वो दिल्ली के मुखर्जी नगर में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही हैं। इनका सपना आईएएस अधिकारी बनना है।    

प्रियंका ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, भाई-भाभी, बहन के अलावा पारिवारिक सदस्यों और अपने शिक्षकों को दिया है। अपनी इस सफलता पर प्रियंका ने कहा है कि मुझे आज बहुत खुशी हो रही हैं कि मैंने अपने परिवार, समाज और मीवा गांव का नाम रोशन किया है। उन्होंने युवाओं से कहा है कि मैं चाहती हूं कि सभी युवा मेहनत से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करें, सफलता आपका इंतजार कर रही है।   

प्रियंका के पिता तीरथराम एक किसान हैं। वो 2015 से 2020 तक मीवा गांव के प्रधान भी रहे हैं। अब वो खेती-किसानी के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपने सेवाएं दे रहे हैं। तीरथराम का कहना है कि बेटी प्रियंका ने पीसीएस अफसर बनकर मेरा सर गर्व से ऊंचा कर दिया है, एक पिता के लिए इससे ज़्यादा खुशी क्या हो सकती है। वहीं प्रियंका की मां मंजू गृहणी हैं। उनका कहना हैं कि मुझे विश्वास था, कि मेरी बेटी एक दिन अफसर जरूर बनेगी। मैं आज बहुत खुश हूं और अब बेटी को आईएएस अधिकारी बनते हुए देखना चाहती हूं।  

प्रियंका के बड़े भाई चेतन कुमार आर्किटेक्ट हैं और पंचायत राज विभाग, हस्तिनापुर, मेरठ में जूनियर इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं। वैसे तो प्रियंका के अलावा उनके परिवार में सरकारी सेवाओं में अफसर बनने का सिलसिला बरकरार है। इनके दो ताऊ चरण सिंह और जगलोचन सिंह मिलिट्री फार्म में डिप्टी डायरेक्टर और मैनेजर के पद पर कार्यरत रहे हैं। इसके अलावा इनके जीजा आईआरएस हैं, जो मुंबई में तैनात हैं और इनके मामा-मामी दोनों एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर दिल्ली यूनिवर्सिटी में कार्यरत हैं।  

बेटी प्रियंका की इस सफलता से परिवार और गांव में खुशी का माहौल है। उनके घर पर रिश्तेदार, सगे-संबंधियों के अलावा आसपास के गांवों के लोग बधाई देने के लिए पहुंच रहे हैं। अब गांव वाले अपनी इस होनहार बेटी को सम्मानित और स्वागत करने के लिए कार्यक्रम की तैयारियों में जुट गए हैं, ताकि क्षेत्र के अन्य युवा भी उससे प्रेरणा ले सकें।
  

मुख्य संवाददाता
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