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IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार सुसाइड मामले में DGP समेत 13 अफसरों के खिलाफ FIR, सुसाइड नोट में IPS ने लगाए थे दलित उत्पीड़न के आरोप

चंडीगढ़- हरियाणा के IPS वाई पूरन कुमार सुसाइड मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। वाई पूरन कुमार की पत्नी IAS अमनीत पी. कुमार द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर चंडीगढ़ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। FIR में हरियाणा DGP शत्रुजीत कपूर समेत 13 अफसरों का नाम है। सूत्रो के मुताबिक उन सभी लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिनके नाम उन्होंने  सुसाइड नोट में लिखे थे।  

चंडीगढ़ पुलिस ने बताया कि IPS वाई पूरन कुमार की पत्नी IAS अमनीत पी. कुमार की शिकायत पर आत्महत्या के लिए उकसाने और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत अपराध के लिए मृतक के सुसाइड में लिखे गए नामों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आपको बता दें कि 2001 बैच के IPS वाई पूरन कुमार अपने सेक्टर-11 स्थित आवास के बेसमेंट के एक कमरे में मृत अवस्था में पाए गए थे।    

पुलिस सूत्रों के मुताबिक IPS वाई पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में कई वरिष्ठ अधिकारियों (IAS-IPS) का नाम लिखकर कहा था कि पिछले कुछ वर्षों में उन्हें मानसिक प्रताड़ना और अपमान झेलना पड़ रहा है। वाई पूरन कुमार इससे पहले रोहतक रेंज के महानिरीक्षक (आईजी) पद पर तैनात थे और हाल ही में उनका तबादला सुनारिया में हुआ था। वारदात के समय उनकी IAS पत्नी अमनीत पी. कुमार सीएम नायब सिंह सैनी के साथ जापान के दौरे पर गई हुई थीं।  

घटना के बाद अमनीत पी. ​​कुमार जापान से चंडीगढ़ लौटीं, उन्होंने बुधवार को चंडीगढ़ पुलिस को दी शिकायत में दावा किया था कि उनके पति की मौत उच्च अधिकारियों के सुनियोजित उत्पीड़न का परिणाम है। उनकी शिकायत के आधार पर हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और एक अन्य वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के खिलाफ BNS की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत FIR दर्ज की गई है।  

अपनी शिकायत में अमनीत पी. कुमार ने कहा कि उनके पति एक बेदाग छवि वाले, ईमानदार और असाधारण सार्वजनिक भावना वाले अधिकारी थे। पूरन कुमार अनुसूचित जाति से थे। अमनीत पी. कुमार ने आरोप लगाया कि उनके पति की मौत ताकतवर लोगों की वजह से हुई और इससे उनका परिवार टूट गया। उन्होंने कहा कि मेरे बच्चों को जवाब मिलना चाहिए। मेरे पति की दशकों की सार्वजनिक सेवा सम्मान की हकदार है, खामोशी की नहीं।  

उन्होंने शिकायत में लिखा कि यह कोई साधारण आत्महत्या का मामला नहीं है, बल्कि यह साफ तौर पर मेरे पति के खिलाफ ताकतवर और उच्च पदस्थ अधिकारियों द्वारा व्यवस्थित उत्पीड़न का परिणाम है। मेरे पति जो अनुसूचित जाति समुदाय से आते हैं, उनको इन अधिकारियों ने अपने पद का इस्तेमाल करके मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और आखिरकार उन्हें इस हद तक मजबूर कर दिया कि उनके पास आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।  

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने मामले में सक्रिय हस्तक्षेप किया. उन्होंने गुरुवार को पहले डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर से मुलाकात की और जांच की स्थिति का जायजा लिया. इसके कुछ ही घंटे बाद मुख्यमंत्री दिवंगत आईपीएस अधिकारी के परिवार से मिलने उनके सेक्टर 11 स्थित आवास पहुंचे. मुख्यमंत्री ने परिवार को भरोसा दिलाया कि जांच निष्पक्ष और पूरी पारदर्शिता के साथ होगी. उन्होंने कहा कि जांच में किसी भी तरह का दबाव नहीं डाला जाएगा और सभी आरोपों की गंभीरता से समीक्षा की जाएगी।

मुख्य संवाददाता
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