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ये होता है जाति का दंश, जहां एक आईपीएस अधिकारी तक को अपनी जाति के कारण आत्महत्या करनी पड़ जाती है

चंडीगढ़ में आईजी वाई पूरन कुमार के जान देने से हरियाणा पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर इतने बड़े अफसर पर क्या मुसीबत आ गई कि अपनी जान ही देनी पड़ गई. क्या वह किसी तनाव में थे या किसी बात का डर सता रहा था… जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, मामले में नया ट्विस्ट आ रहा है. चंडीगढ़ पुलिस को उनके आवास से 9 पेज का सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें एक बड़े पुलिस अफसर का नाम लिखा हुआ है. बता दें, पूरन कुमार 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे. उन्हें नौ दिन पहले ही पीटीसी सुनारिया का आईजी बनाया गया था. हालांकि आईजी के सुसाइड मामले को लेकर कोई भी पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है.


हरियाणा के सीनियर IPS अफसर वाई पूरन कुमार के सुसाइड केस में उनकी पत्नी IAS अमनीत पी. कुमार ने हरियाणा DGP और रोहतक SP के खिलाफ चंडीगढ़ पुलिस को शिकायत दर्ज कराई है. 4 पन्नों की शिकायत में उन्होंने डीजीपी हरियाणा शत्रुजीत सिंह कपूर और एसपी रोहतक नरेंद्र बिजारणिया पर उनके पति के उत्पीड़न, जाति-आधारित भेदभाव और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया. शिकायत में उनके पति की मौत से ठीक पहले डीजीपी शत्रुजीत कपूर के कहने पर उनके खिलाफ रोहतक में झूठा मामला (FIR-नंबर 0319/2025) दर्ज किया गया था, जो एक सोची-समझी साजिश थी. इसी कारण उनके पति ने अत्यधिक निराशा में आत्महत्या कर ली.


एडीजीपी वाई पूरन कुमार का पोस्टमार्टम 9 अक्टूबर को होगा. आज उनकी पत्नी अमनीत पी कुमार और आईएएस अधिकारी चंडीगढ़ के सेक्टर 16 स्थित अस्पताल की मोर्चरी में पहुंची और अपने पति का शव देखा. ऐसी चर्चा है कि पोस्टमार्टम के बाद गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.


सूत्रों के अनुसार, आईपीएस वाई पूरन कुमार ने अपनी पत्नी को 15 बार कॉल की थी, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया था. बताया जा रहा है कि आईएएस पत्नी ने जापान से फिर अपनी बेटी को फोन किया और पापा से बात करने के लिए कहा था. हालांकि, बेटी बाजार में थी और मां से कहा था कि वह घर जाकर बात पिता से बात करेगी. बेटी जब घर पहुंची और बेसमेंट में गई तब जाकर देखा कि वाई पूरन कुमार सोफे पर पड़े हैं और उनके कनपटी से खून बह रहा है. बेटी ने इस पर तुरंत अपने मामा, जो कि पंजाब में विधायक हैं, उन्हें फोन किया था.


चंडीगढ़ पुलिस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को वाई पूरन कुमार और उनकी छोटी बेटी घर पर थे. बाप-बेटी सुबह ग्राउंड फ्लोर पर थे. थोड़ी देर बाद पूरन कुमार उठकर कोठी की बेसमेंट में चले गए जबकि बेटी अपने किसी काम में व्यस्त हो गई. बेसमेंट में पहुंचने के बाद पूरन कुमार ने वहां पड़ी कुर्सी पर बैठकर पिस्टल को अपनी कनपटी पर रखकर ट्रिगर दबा दिया. उनकी मौके पर ही मौत हो गई. घटना का पता तब चला जब कुछ देर बाद बेटी बेसमेंट में गई.


वाई पूरन कुमार इस वक्त हरियाणा में एडीजीपी के पद पर तैनात थे. वहीं, उनकी पत्नी अमनीत पी कुमार भी 2001 बैच की हरियाणा कैडर की जानी-मानी आईएएस अधिकारी हैं और इस वक्त हरियाणा के सीएम नायाब सिंह सैनी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल के साथ जापान में हैं. अमनीत पी कुमार फिलहाल महिला एवं बाल विकास विभाग की जिम्मेदारी संभाल रही हैं.


गौरतलब है कि बीते चार साल में पूरन सिंह ने कई बार सुर्खियां बटोरीं. वह अपने ही डीजीपी से लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त तक की शिकायत कर चुके थे. साथ थी उन्होंने प्रशासनिक अधिकारी पर जाति के आधार पर ट्रांसफर करने के भी आरोप लगाए थे. साथ ही कुछ आईपीएस अफसरों की प्रमोशन पर भी सवाल उठाए थे.सीनियर आईपीएस ऑफिसर वाई पूरन कुमार ने खुद को गोली मारकर मंगलवार को आत्महत्या कर ली. वह हरियाणा पुलिस में 2001 बैच के आईपीएस अफसर थे. 29 सितंबर को ही उनकी पोस्टिंग रोहतक रेंज आईजी से रोहतक के सुनारिया स्थित पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज (पीटीसी) में आईजी के तौर पर हुई थी.

मुख्य संवाददाता
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