बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि आरक्षण विरोधी प्रक्रिया को हर स्तर पर रोका जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने 21 अगस्त को 'भारत बंद' के आह्वान की कार्रवाई को अहिंसात्मक और शांतिपूर्ण ढंग से करने की अपील की है।
मायावती ने कहा कि केन्द्र सरकार में संयुक्त सचिव और निदेशक आदि के उच्च पदों पर आरक्षण समेत सामान्य प्रक्रिया से प्रमोशन और बहाली के बजाय भारी वेतन पर बाहर के 47 लोगों की लेटरल नियुक्ति बीएसपी के तीव्र विरोध के बाद रद्द की गई है, लेकिन ऐसी सभी आरक्षण विरोधी प्रक्रियाओं को हर स्तर पर रोक लगाने की जरूरत है।
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने ये भी कहा कि 1 अगस्त 2024 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरुद्ध एसी-एसटी के पूर्व की आरक्षण व्यवस्था को बहाल करने हेतु केन्द्र संविधान संशोधन की कार्रवाई करे, जिसको लेकर 21 अगस्त को इन वर्गों द्वारा 'भारत बंद' का आहवान किया गया है, जिनसे इसे बिना कोई हिंसा के अर्थात शान्तिपूर्ण करने की अपील है।
आपको बता दें कि यूपीएससी की ओर से 45 पदों पर लेटरल एंट्री यानी सीधी भर्ती के विज्ञापन पर विवाद बढ़ने के बाद केंद्र सरकार ने यूपीएससी से इस विज्ञापन को निरस्त करने आदेश जारी किए हैं।
ये भी बता दें कि यूपीएससी ने 17 अगस्त को 24 केंद्रीय मंत्रालयों में सेक्रेटरी, डायरेक्टर और डिप्टी सेक्रेटरी जैसे पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकालकर आवेदन मांगे थे। लेकिन इस विज्ञापन ने सियासी विवाद खड़ा कर दिया। विपक्षी पार्टियों के साथ ही एनडीए के सहयोगी दल एलजेपी ने भी इस फैसले का विरोध किया था।