उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को फिर से बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। ये बड़ा फैसला मंगलवार को लखनऊ में स्थित पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित बीएसपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया है। इसके साथ ही बीएसपी के नेशनल को-आर्डिनेटर आकाश आनंद को एक बार फिर पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें 4 राज्यों का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया है।
लखनऊ, 27 अगस्त। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार को बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अहम बैठक आयोजित की गई, जिसमें मायावती को अगले 5 सालों के लिए फिर से सर्वसम्मति से बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया। उनके नाम का प्रस्ताव बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा ने रखा था। यहां बता दें कि मायावती 21 साल से बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनीं हुई हैं। वो पहली बार 18 सितंबर 2003 को पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाई गईं थी।
बीएसपी की इस अहम बैठक में मायावती के भतीजे आकाश आनंद को भी पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्हें नेशनल को-आर्डिनेटर के साथ 4 राज्यों हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, झारखंड और महाराष्ट्र का चुनाव प्रभारी भी बनाया गया है। इसके अलावा आकाश आनंद मायावती के राजनीतिक उत्तराधिकारी बने रहेंगे।
बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बैठक में देशभर से आए पदाधिकारियों को संबोधित किया। उन्होंने इस मौके पर कहा कि बहुजन समाज के लोगों को अपनी शक्ति पर भरोसा करना सीखना ही होगा वरना धोखा खाते रहेंगे और लाचारी, गुलामी का जीवन जीने को मजबूर बने रहना पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव में बहुमत से दूर बीजेपी के नेतृत्व में बनी एनडीए की सरकार का रवैया सुधारवादी नहीं लगता, जिससे इसको स्थाई और मजबूत सरकार नहीं कहा जा सकता है। मायावती ने यूपी के राजनीतिक हालात का संज्ञान लेते हुए कहा कि लोकसभा का चुनाव परिणाम कई कारणों से नई संभावनाएं पैदा करता है।
मायावती ने बीएसपी समर्थकों से अपील की है कि डॉक्टर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के मूवमेंट और आरक्षण को निष्प्रभावी बनाने एवं खत्म करने के षड्यंत्र को बीजेपी और कांग्रेस से बचाना जरूरी है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी/एसटी आरक्षण में वर्गीकरण और क्रीमीलेयर का नया नियम लागू करने के फैसले पर कहा कि पुरानी व्यवस्था को बहाल रखने के लिए केंद्र द्वारा अभी तक भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। मायावती ने ये भी कहा कि बीएसपी को मूवमेंट के माध्यम से आगे बढ़ाने के लिए वो हर कुर्बानी देने को तैयार हैं। पार्टी व मूवमेंट के हित में न तो वह कभी रुकने वाली हैं और न ही झुकने वाली हैं। टूटने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता।
उन्होंने यूपी के राजनीतिक हालात का संज्ञान लेते हुए कहा कि लोकसभा का ये चुनाव परिणाम किसी पार्टी विशेष के पक्ष में एकतरफा नहीं होने के कारण भी नई संभावनाएं पैदा करता है। ऐसे में कैडर के आधार पर जनाधार को बढ़ाने का प्रयास करके आगे बेहतर परिणाम हासिल करने की अपनी कोशिश जारी रखनी है। इसमें कोई कोताही व स्वार्थ आड़े नहीं आना चाहिए जिसकी पार्टी लगातार समीक्षा करेगी। पार्टी हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखण्ड, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली विधानसभा का चुनाव मजबूती से लड़ेगी।
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने इस मौके पर 'बहुजन समाज पार्टी द्वारा अपील-देश के बहुजनों के असली ग्रन्थ संविधान एवं बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के हितकारी मूवमेन्ट तथा आरक्षण को निष्प्रभावी बनाने व खत्म करने के षड्यंत्र को कांग्रेस के इण्डिया गठबंधन और बीजेपी के एनडीए एवं स्वार्थियों से भी बचाना जरूरी' के नाम से लिखित अपनी पुस्तक का विमोचन भी किया।