लखनऊ। बीजेपी विधायक राजेश चौधरी के मायावती पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर सियासी तूफान मच गया है। बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बीजेपी विधायक के बयान पर कड़ा विरोध जताते हुए उनपर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने इस मामले में अखिलेश यादव की तरफ से बीजेपी विधायक को कड़ा जवाब के लिए उनके प्रति आभार जताया है। वहीं एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस बयान की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि शोषित-वंचित समाज से आने वाली महिलाओं पर इस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए बीजेपी विधायक पर मानहानि का केस दर्ज होना चाहिए।
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने उन्हें भ्रष्ट मुख्यमंत्री कहने वाले बीजेपी विधायक राजेश चौधरी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखते हुए कहा कि बीएसपी को इस विधायक के बारे में ऐसा लगता है कि उसकी अब बीजेपी में कोई पूछ नहीं रही है। इसलिए वह बीएसपी प्रमुख के बारे में अनाप-शनाप बयानबाजी करके सुर्खियों में आना चाहता है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। बीजेपी उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे। यदि वह दिमागी तौर पर बीमार है तो उसका इलाज भी जरूर कराए। वरना इसके पीछे बीजेपी का कोई षडयंत्र है, यह कहना भी गलत नहीं होगा।
मायावती ने ये भी कहा कि यदि बीजेपी अपने विधायक के विरुद्ध कोई भी सख्त कार्रवाई नहीं करती है तो फिर इसका जवाब पार्टी के लोग अगले यूपी विधानसभा चुनाव में उसकी जमानत जब्त करा कर और यूपी में जल्द 10 सीटों पर होने वाले उपचुनावों में भी इस पार्टी को जरूर देंगे।
इसके साथ ही मायावती ने सोशल मीडिया पर ये भी लिखा कि एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मथुरा के एक बीजेपी विधायक को उनके गलत आरोपों का जवाब देकर बीएसपी प्रमुख के ईमानदार होने के बारे में सच्चाई को माना है, उसके लिए पार्टी उनकी आभारी है।
मथुरा के बीजेपी विधायक राजेश चौधरी के बीएसपी सुप्रीमो मायावती पर की गई आपत्तिजनक टिप्प्णी को लेकर एसपी मुखिया अखिलेश यादव ने बीजेपी विधायक पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के एक भाजपा विधायक द्वारा उप्र की एक भूतपूर्व महिला मुख्यमंत्री के प्रति कहे गये अभद्र शब्द दर्शाते हैं कि भाजपाइयों के मन में महिलाओं और खासतौर से वंचित-शोषित समाज से आने वालों के प्रति कितनी कटुता भरी है।
अखिलेश यादव ने ये भी कहा कि राजनीति में मतभेद अपनी जगह होते हैं लेकिन एक महिला के रूप में उनका मान-सम्मान खंडित करने का किसी को भी अधिकार नहीं है। भाजपाई कह रहे हैं कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर हमने गलती की थी, ये भी लोकतांत्रिक देश में जनमत का अपमान है और बिना किसी आधार के ये आरोप लगाना कि वो सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री थीं, बेहद आपत्तिजनक है। भाजपा के विधायक के ऊपर, सार्वजनिक रूप से दिए गए इस व्यक्तव्य के लिए मानहानि का मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
एसपी मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी ऐसे विधायकों को प्रश्रय देकर महिलाओं के मान-सम्मान को गहरी ठेस पहुंचा रही है। अगर ऐसे लोगों के खिलाफ बीजेपी तुरंत अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं करती है तो मान लेना चाहिए, ये किसी एक विधायक का व्यक्तिगत विचार नहीं है बल्कि पूरी बीजेपी का है।आपको बता दें कि एक टीवी चैनल की डिबेट के दौरान बीजेपी विधायक राजेश चौधरी ने कहा था कि मायावती पहली बार बीजेपी के समर्थन से ही मुख्यमंत्री बनी थीं। हमने उन्हें बनाया था। ये हमारी गलती थी। आगे उन्होंने कहा कि वो प्रदेश की अब तक की सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री रही हैं।