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लेह में फैली हिंसा के बाद सोनम वांगचुक ने वापस ली हड़ताल, युवाओं से की शांति की अपील

श्रीनगर- लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग हिंसक होने के बाद सामाजिक और पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने अनशन को खत्म कर दिया है। वांगचुक ने यह फैसला लेह में हिंसा और आगजनी की घटनाओं के बाद लिया है। वांगचुक ने गांधीवादी तरीके से केंद्र सरकार का ध्यान मांगों की तरफ खींचने के लिए क्रमिक अनशन शुरू किया था। सोनम वांगचुक ने लोगो से शांति की अपील की है। वांगचुक ने अनशन के 15वें दिन हिंसा भड़कने पर अपनी भूख हड़ताल तोड़ने का ऐलान किया।

सोनम वांगचुक ने कहा, “आज, हमारे 15 दिन के उपवास पर मुझे यह बताते हुए बहुत दुख हो रहा है कि लेह शहर में बड़े पैमाने पर हिंसा और तोड़फोड़ हुई। कई दफ्तरों और पुलिस वाहनों में आग लगा दी गई। कल, जो लोग 35 दिनों से यहां उपवास पर थे, उनमें से दो को बहुत ही गंभीर हालत में अस्पताल ले जाना पड़ा। इससे बड़े पैमाने पर गुस्सा भड़का और आज पूरे लेह में बंद का ऐलान कर दिया गया।” 

हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई और 70 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की। भाजपा ऑफिस और CRPF की गाड़ी में आग लगा दी। उधर, प्रशासन ने लेह में बिना अनुमति रैली, प्रदर्शन पर बैन लगा दिया है।

आपको बता दे अनशन के दौरान दो लोगों की हालत खराब हो गई थी जिन्हें गम्भीर हालत में अस्पताल ले जाना पड़ा था, जिससे प्रदर्शनकारी भड़क गए,  ये छात्र सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक के समर्थन में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वांगचुक पिछले 15 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे थे। मांगें पूरी न करने के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने आज बंद बुलाया था। इसी दौरान हिंसा हुई।

मुख्य संवाददाता
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