नई दिल्ली- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कुछ दिन पहले दिल्ली के अशोक विहार इलाके में एक सीवर की सफाई के दौरान एक कर्मचारी की मौत और तीन अन्य मजदूरों के गंभीर रूप से घायल होने के मामले में सोमवार को दिल्ली सरकार, निगम आयुक्त और शहर के पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी किया है और दो हफ्ते में जांच कर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
मानवाधिकार आयोग ने एक बयान में कहा कि सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों और सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को दिए गए परामर्श के बावजूद ऐसी घटनाएं होना बहुत दुखद है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के मुताबिक, यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स से मिली की राजधानी में चारों पीड़ितों को एक निजी निर्माण के लिए बिना सुरक्षा उपकरण दिए उन्हें सीवर की सफाई करने के लिए नाले में उतार दिया। इसके बाद चारों कर्मचारियों की स्थिति बिगड़ गई और कई बेहोश हो गए। स्थिति बिगड़ता देख उन्हें आनन-फानन में पंडित दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल में डॉक्टरों ने उनमें से एक को मृत घोषित कर दिया, जबकि तीन अन्य गंभीर हालत में आईसीयू में भर्ती रहे।
गौरतलब है कि 16 नवंबर की रात करीब 11:36 बजे अशोक विहार फेज-2 स्थित हरिहर अपार्टमेंट के पास सीवर सफाई के दौरान चार सफाईकर्मी सीवर में ही फंस गए। यहां से गुजर रहे एक डिलीवरी ब्वाय ने इन्हें सीवर लाइन से बाहर निकाला। फिर इन्हें आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया गया। जहां सफाईकर्मी अरविंद को मृत घोषित कर दिया गया।
एनएचआरसी ने मीडिया में प्रकाशित एक खबर पर स्वतः संज्ञान लिया, जिसमें बताया गया था कि 16 सितंबर को उत्तर पश्चिम दिल्ली के अशोक विहार इलाके में एक सीवर की सफाई के दौरान एक कर्मचारी की मौत हो गई और तीन अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। खबर में मजदूर के सहकर्मियों के हवाले से बताया गया कि जिस निजी निर्माण कंपनी ने उन्हें सफाई के काम के लिए नियुक्त किया था, उसने कथित तौर पर कोई सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए थे।
आयोग ने मामले को मानवाधिकार उल्लंघन का गंभीर मुद्दा मानते हुए दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव, दिल्ली नगर निगम के आयुक्त और शहर के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। आयोग ने मृतकों के परिजनों और घायल श्रमिकों को दिए गए मुआवजे का विवरण भी मांगा है।