उत्तरप्रदेश- समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान करीब 23 महीने बाद सीतापुर जेल से
रिहा हो गए। उन्हें लेने के लिए मुरादाबाद सांसद रुचि वीरा और 400 से ज्यादा कार्यकर्ता पहुंचे। आजम खान काला चश्मा, काली सदरी और सफेद कुर्ता पहने कार में ही बैठकर जेल से
बाहर आए और हाथ हिलाकर अपने समर्थकों का अभिवादन किया। जेल से बाहर आते ही सबसे पहले उन्होंने अपने दोनों बेटों को गले लगाया। पहले अदीब आजम से गले मिले। फिर अब्दुल्ला आजम को गले लगाया। वो अपने शायराना अंदाज में दिखे, और बोले पत्ता-पत्ता, बूटा-बूटा हाल हमारा जाने
है....
बसपा या चंद्रशेखर की आसपा में शामिल होने की अटकलों पर विराम लगाते हुए आजम
खान ने कहा कि यह तो अटकलें लगाने वाले ही बता सकते हैं। मैं जेल में किसी से नहीं
मिला। फोन करने तक की इजाजत नहीं थी, इसलिए मैं 5 साल तक पूरी तरह से बाहर के संपर्क में नहीं रहा। उन्होंने कहा कि अभी तो वे
इलाज कराएंगे, बाद में राजनीति के बारे में देखेंगे।
आजम की रिहाई पर आजाद समाज पार्टी के प्रमुख और सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा
कि आजम मेरे बड़े भाई हैं मेरे उनके साथ पारिवारिक रिश्ते हैं। इस सरकार ने उन पर
बहुत जुल्म किये हैं जिस वजह से उन्होंने एक लंबा समय जेल में बिताया है। आजम के साथ चुनाव लड़ने के सवाल पर चंद्रशेखर ने कहा कि मेरे उनके साथ
राजनीतिक रिश्ते नहीं हैं। मैंने कभी भी उनसे राजनीतिक बातें नहीं की। वो बड़े भाई
जैसे हैं, मैं हमेशा उनके साथ खड़ा रहूंगा। मुझे नहीं पता की उन्हें राजनीति में
क्या मिला क्या नहीं? लेकिन नुकसान जरूर हुआ है।
आजम खान के बसपा में जाने को लेकर अटकलें ऐसे ही नहीं लगाई जा रही हैं, आपको याद होगा जून के आखिर में सीतापुर जेल से निकलने के बाद उनकी पत्नी तंजीन फात्मा के 'अल्लाह भरोसे' होने के बयान को सपा से नाराजगी के तौर पर देखा गया। इसके बाद उनकी बसपा प्रमुख मायावती से मुलाकात की अटकलें होने लगीं। इसकी पुष्टि तो किसी ने नहीं की, लेकिन बसपा के इकलौते विधायक उमाशंकर सिंह ने यह कहकर अटकलों को हवा दे डाली थी कि आजम का बसपा में स्वागत है, उनके आने से पार्टी मजबूत होगी।
आजम खान की रिहाई को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें झूठे मुकदमों
में फंसाया गया था। आज वह जेल से रिहा हुए है। सभी के लिए खुशी का दिन है। आने
वाले समय में सभी केस खत्म होंगे। हर फर्जी केस सपा सरकार में वापस लिया जाएगा। मैं ही नहीं, भाजपा में बैठे लोगों ने भी कहा है कि आजम खान को मुसलमान
होने की सजा मिली।
गौरतलब है कि आजम के खिलाफ 104 मुकदमे दर्ज हैं। इसमें अकेले रामपुर में 93 मामले दर्ज
हैं। 12 मुकदमों में फैसला आ चुका है। कुछ में सजा हुई है और कुछ में वे बरी हो गए
हैं। सभी मामलों में उन्हें जमानत मिल चुकी है। 2022 में भड़काऊ भाषण देने के एक मामले में अदालत ने दो साल की
सजा सुनाई थी। इसके बाद आजम की विधायकी चली गई थी।
आजम फरवरी, 2020 में गिरफ्तारी के बाद सबसे पहले रामपुर जेल भेजे गए थे।
वहां से उन्हें सुरक्षा कारणों से सीतापुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। मई,
2022 में आजम खान जेल से जमानत पर बाहर आ गए। इसके बाद एक मामले में सजा होने के बाद 18 अक्टूबर, 2023 को आजम खान ने
सरेंडर कर दिया था। इसके बाद उन्हें पहले रामपुर जेल भेजा गया, फिर सीतापुर
जेल शिफ्ट कर दिया गया था।