नई दिल्ली- अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर त्रिवेणी कला संगम में देश की जानी मानी स्कल्पचर आर्टिस्ट निवेदिता मिश्रा के मूर्तियों की प्रदर्शनी 'नित्या' मंगलवार से शुरू हो गई है. यह प्रदर्शनी 22 मार्च तक चलेगी. इस प्रदर्शनी में 10 फीट लंबे संगमरमर के पत्थरों पर नौ ग्रह सूर्य, चंद्र, मंगला, बुद्ध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु आकर्षण का केंद्र है. हर ग्रह को एक स्तोत्र, एक वैदिक मंत्र तंत्र और एक वाहन की रेखा रेखाचित्र द्वारा परिभाषित किया गया है. शिव के साथ ग्रहों के गहरे और दिव्य संबंध को त्रिशूल के माध्यम से दर्शाया गया है. निवेदिता बताती है कि काले संगमरमर पर ही नौ ग्रहों को इसलिए बनाया गया, क्योंकि काला रंग ब्रह्मांड का प्रतीक होता है. इस पर बनने की वजह से वे नौ ग्रहों की ऊर्जा और आभा को दर्शा रहे हैं.
64 योगिनियों का अद्भुत रूपप्रदर्शनी में आपको धातु पर बने 64 योगिनियों का अद्भुत रूप भी देखने को मिलेगा. हर योगिनी को लकड़ी पर कुछ इस तरह रखा गया है कि वह हर किसी का मन मोह ले. निवेदिता बताती हैं कि 28 साल से उन्हें इस दिन का इंतजार था. वैसे तो कई बार उनके स्कल्पचर अलग-अलग प्रदर्शनियों में प्रदर्शित हुए हैं लेकिन लेकिन यह पहली बार है जब उनके लगभग 100 से अधिक कार्य एकल प्रदर्शनी के तौर पर जनता के सामने हैं. वे इस प्रदर्शनी को अपने पिता नित्यानंद मिश्रा को समर्पित करते हुए बताती हैं कि पिता ने हमेशा सपनों को बल दिया और आज मैं जो भी हूं, उनकी वजह से ही हूं. आज वह मेरे साथ नहीं है लेकिन मेरे हाथों में पत्थर तोड़ने की ताकत उनसे ही मिलती है.
मन मोह लेंगे सती के रूपनिवेदिता मिश्रा का शिव और शक्ति पर अलग ही विश्वास है. वे दोनों को एक रूप में ही मानती हैं. इसकी झलक उनकी प्रदर्शनी में भी साफ नजर आती है. उन्होंने सती के होंठ, कान, आंख, नाक, दाहिने पैर और पायल को पत्थर पर तराशा है. कामाख्या देवी के स्वरूप को भी उन्होंने अद्भुत तरीके से दर्शाया है. वह बताती है कि स्त्री ही जननी है, वह देवी है, वह मां का रूप है. वह अपनी इस प्रदर्शनी को विश्वास का एक प्रतीक बताती हैं. यह विश्वास अनंत, शाश्वत, सर्वशक्तिमान है.