नई दिल्ली- बिलकिस बानो गैंगरेप केस में सुप्रीम
कोर्ट ने गुजरात सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए चार हफ्तों में मांगी है कि
सरकार ने अभी तक इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों
नहीं की। साथ ही कोर्ट ने पूछा है कि सज़ायाफ्ता पुलिसवाले व डॉक्टर कैसे काम कर सकते हैं ? कोर्ट ने बिलकिस बानो को मुआवजे के लिए अलग से याचिका दाखिल
करने को कहा है, जिस पर सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी।
बिलकिस बानो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका
दाखिल कर उचित मुआवजे की मांग की थी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को ये भी जानकारी दी
कि जिन पुलिसवालों व डॉक्टरों को मुंबई हाईकोर्ट ने दोषी ठहराया था, उन्हें सरकार ने
वापस काम पर रख लिया है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने चार मई को अपने फैसले में गैंगरेप के 12 दोषियों की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा था, जबकि निचली अदालत
द्वारा पुलिसकर्मियों और डॉक्टरों सहित सात
लोगों को बरी करने के आदेश को रद्द कर दिया था। अदालत ने पांच पुलिसकर्मियों और दो
डाक्टरों को अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं करने और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने
का दोषी ठहराया था।
गौरतलब है कि 2002 में गुजरात में हुए
सांप्रदायिक दंगों के दौरान अहमदाबाद के पास रंधिकपुर गांव में बिलकिस बानो के घर
पर भीड़ ने हमला किया था। इस हमले में बिलकिस के परिवार के सात लोगों को कत्ल कर
दिया गया था और पांच महीने की गर्भवती बिलकिस के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया
था।