मुंबई। महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी संभाजी भिडे और कई अन्य के खिलाफ दर्ज दंगे के गंभीर मामलों को वापस लेने का फैसला किया है। इसकी जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता और अधिकार फाउंडेशन के अध्यक्ष शकील अहमद शेख को गृह विभाग द्वारा दी गई है। दरअसल, शकील अहमद ने आरटीआई दाखिल की थी कि साल 2008 से कितने राजनेताओं या कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामले वापस लिए गए हैं।
इस आरटीआई के जवाब में गृह विभाग की तरफ से बताया गया है कि जून 2017 में संभाजी भिडे और उनके साथियों के खिलाफ दर्ज 3 मामले वापस ले लिए गए हैं। इसके अलावा भिडे और उनके साथियों के खिलाफ 3 अन्य मामले भी सरकार ने वापस ले लिए है। ये जानकारी गृह विभाग की सूचना अधिकारी प्रज्ञा घाटे ने दी है। बता दें कि फौजदारी प्रक्रिया दंड संहिता की धारा 321 के प्रावधान के अनुसार, राज्य सरकार मामूली किस्म के अपराध में दर्ज मामले वापस ले सकती है। संभाजी पर भीमा कोरेगांव में हिंसा फैलाने का आरोप है।
जानकारी के मुताबिक, साल 2014 में महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार आने के बाद से जून 2017 से 14 सितंबर 2018 तक कुल 41 मामलों में आरोपियों के केस वापस लिए गए हैं। फडणवीस सरकार ने इस दौरान बीजेपी और शिवसेना के नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज 9 मुकदमे वापस लिए हैं।