संविधान निर्माता बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर
के प्रति जतिवादी नफरत कम
नहीं हो रही है। देश में आए दिन कहीं न कहीं उनकी प्रतिमा खंडित किए जाने की
ख़बरें आती रहती हैं। बाबा साहब की प्रतिमा खंडित किए जाने का ताजा मामला यूपी के इलाहाबाद
में सामने आया है।
इलाहाबाद के त्रिवेणीपुरम क्षेत्र में शुक्रवार की रात झूसी
चौराहे पर स्थित भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को कुछ असामाजिक
तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया। शनिवार की सुबह जब दलित समाज के लोगों ने बाबा
साहब की प्रतिमा का सिर टूटा हुआ देखा, जिससे उनमें गहरा आक्रोश फैल गया। तभी
वहां मौजूद लोगों ने पुलिस को मामले की जानकारी दी।
बाबा साहब की प्रतिमा
क्षतिग्रस्त होने की खबर मिलते ही फूलपुर से नवनिर्वाचित एसपी सांसद नागेंद्र पटेल
समेत बीएसपी-एसपी के कार्यकर्ताओं और दलित संगठनों के पदाधिकारी मौके पर पहुंच गए
और सभी ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए धरना-प्रदर्शन किया। इसके
साथ ही उन्होंने बाबा साहाब की नई मूर्ति तुरंत स्थापित करने और दोषियों को
गिरफ़्तार करने की मांग की।
इस दौरान पुलिस-प्रशासन के कई अधिकारी भारी संख्या में पुलिस फोर्स
के साथ पहुंच कर मामले को शांत कराया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बाबा साहब
की प्रतिमा क्षतिग्रस्त करने वालों का पता लगाकर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की
जाएगी।
बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर की प्रतिमा खंडित होने से दलित समाज
के लोगों का नाराजगी जाहिर करना वाजिब है, साथ ही यहां ये सवाल उठाना भी जरूरी हो
जाता है कि आखिर ज़्यादातर बाबा साहब की प्रतिमाओं को ही क्यों निशाना बनाया जा
रहा है। आखिर ऐसी शर्मनाक घटनाओं को अंजाम देने वाले लोगों की बाबा साहब और दलित
समाज के प्रति ऐसी नफरत क्यों बनी हुई है?
यहां हम ऐसी तुच्छ मानसिकता रखने वाले लोगों को बता दें कि बाबा
साहब डॉक्टर अंबेडकर ने सिर्फ दलितों के हित में ही काम नहीं किए, बल्कि उन्होंने
अपना पूरा जीवन इस राष्ट्र को समर्पित किया था। बाबा साहब ने अपने आंदोलन और लेखन
में इस देश में रहने वाले हर वर्ग के गरीब,मजदूर और महिलाओं की आवाज को बुलंद
किया और उन्हें अधिकार दिलाए। बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर के द्वारा लिखित ‘भारतीय संविधान’ इसका ऐतिहासिक
प्रमाण और एक अहम धरोहर वाला दस्तावेज हम सबके सामने मौजूद है।