यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने भाषण और बयान के जरिये भले ही लाख दावे करें कि उनके राज में किसी के साथ भेदभाव नहीं होगा, लेकिन फतेहपुर में उनके दावों की खुलेआम धज्जियां उड़ती नज़र आ रही हैं। यहां पूर्व थानेदार और पुलिस की कार्यशैली से परेशान होकर एक दलित परिवार ने आत्मदाह करने की धमकी देते हुए जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है।
मामला फतेहपुर जिले में औंग क्षेत्र के बड़ाहार गांव का है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक रिटायर्ड दरोगा राजेश और उसके छोटे भाई शिव कुमार ने खाखी वर्दी की धमक दिखा कर दलित समाज के सूर्य पाल की 8 बीघा पुस्तैनी जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया है। पीड़ित सूर्य पाल इस मामले की शिकायत लेकर औंग थाने पहुंचा था, लेकिन पुलिसवालों ने उसकी फरियाद सुने बिना ही उसे थाने से भगा दिया। पीड़ित परिवार का कहना है कि रिटायर्ड दरोगा राजेश कुमार थानेदार रह चुका है और उसका छोटा भाई शिव कुमार भी कानपुर जिले में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात है।
पीड़ित सूर्य पाल ने इस मामले में स्थानीय पुलिस से इंसाफ नहीं मिलने से आहत होकर अपने परिवार समेत आत्मदाह करने की धमकी दी है। पीड़ित परिवार के सदस्य अपने-अपने हाथों में आत्मदाह करने धमकी की लिखी तख्तियां लेकर कलेक्ट्रेट स्थित डीएम ऑफिस पहुंच गए और वहां उन्होंने जिलाधिकारी के नाम ज्ञापन देकर दबंगों के कब्जे से अपनी जमीन वापस दिलाने की मांग की। इस दौरान डीएम ऑफिस में मौजूद एसडीएम ने पीड़ित परिवार से ज्ञापन लेकर उन्हें न्याय दिलाने का भरोसा देकर लौटा दिया। वहीं पुलिस अधिकारियों का भी कहना है कि मामला संज्ञान में आ गया है, जिसकी जांच के आदेश जारी हो गए हैं और जांच रिपोर्ट के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी।
दलितों और गरीबों पर हो रहे जुल्म की ये कोई पहली घटना नहीं है। सूबे में आए दिन इस तरह के मामले सामने आते रहते हैं, जिससे यूपी सरकार की कार्य शैली पर भी सवालिया निशान उठना स्वभाविक है। जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अनेकों बार कह चुके हैं उनकी सरकार में किसी के साथ भेदभाव नहीं होता, बल्कि सबका साथ, सबका विकास की नीति पर काम हो रहा है, लेकिन फतेहपुर जैसी घटनाओं के सामने आने पर उनके सभी दावे और वादे विफल साबित होते दिख रहे हैं।