गुरूग्राम- शुक्रवार को रेयान इंटरनेशनल स्कूल में दिल दहला
देने वाला मामला सामने आया। जहां दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले 7 साल के बच्चे की गला रेत कर
हत्या कर दी गई। बच्चे का नाम प्रद्दुम्न है। पुलिस ने जानकारी दी कि " स्कूल बस के कंडक्टर ने बच्चे
के साथ कुकर्म करने की कोशिश की थी। जब बच्चे ने चिल्लाने की कोशिश की तो कंडक्टर
ने उसका मर्डर कर दिया।" बस कंडक्टर का नाम अशोक कुमार बताया जा रहा है। पुलिस ने उसे हिरासत में ले
लिया है।
आपको बता दें कि शुक्रवार की सुबह प्रद्दुम्न खून से लथपथ
अवस्था में स्कूल के टॉयलेट में मिला था। बच्चे का गला धारदार हथियार से रेता गया
था। उसका एक कान भी पूरी तरह कट गया। पुलिस ने जानकारी दी कि, कंडक्टर अपनी जेब में चाकू लिए
हुए था। वो स्कूल के टॉयलेट में गलत काम कर रहा था, जहां बच्चे ने उसे देख लिया,
उसने बच्चे के साथ कुकर्म करने की कोशिश की तो बच्चा चिल्लाया और टॉयलेट से बाहर
भागने लगा, तभी आरोपी अशोक ने बच्चे को पकड़ लिया और उसकी गला रेत कर हत्या कर दी।
वो स्कूल में पिछले 6-8 महीनों से काम कर रहा था।
पुलिस ने बच्चे की बॉडी के पास से चाकू बरामद कर लिया है।
पुलिस ने स्कूल में लगे 30 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज
खंगाली। और स्कूल के बस कंडक्टरों, ड्राइवरों और माली समेत 10 लोगों से पूछताछ की।
पुलिस ने जानकारी दी कि जब बच्चे पर चाकू से वार किया गया था तो बच्चे ने टॉयलेट
से बाहर भागने की कोशिश की थी, तभी स्कूल के अन्य बच्चों ने उसे देखा ।बच्चों ने
स्कूल के माली को बताया और फिर स्कूल मैनेजमेंट बच्चे को हॉस्पिटल ले गया। बच्चों
ने ही पुलिस को ये जानकारी दी की आरोपी अशोक कुछ देर पहले ही टॉयलेट गया था।
प्रद्दुम्न के पिता वरूण ठाकुर बिलखते हुए बताते हैं कि,
मैंने
सुबह 7:55 बजे बच्चे को स्कूल छोड़ा था। वह बहुत खुश था। सुबह 8:10 बजे यानी पंद्रह मिनट बाद स्कूल
मैनेजमेंट ने मुझे फोन कर बताया कि बच्चे की तबीयत खराब हो गई है और उसे हॉस्पिटल
में एडमिट कराया गया है। जब तक हम मौके पर पहुंचे, बच्चे की मौत हो चुकी थी।उनका
कहना है कि स्कूल मैनेजमेंट ने उन्हें सही जानकारी नहीं दी। यदि वे बेटे को सही
समय पर अस्पताल ले गए होते तो उसकी जान बच सकती थी। उन्होंने
स्कूल पर आरोप लगाया है कि, ये मर्डर का मामला है, मैं नहीं
जानता कि ये कैसे हुआ ? लेकिन ये
जानता हूं कि ये हत्या है। जो लोग जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई होनी
चाहिए। अब
पेरेंट्स किसके भरोसे अपने बच्चे को स्कूल में छोड़ेंगे।
उधर स्कूल की केयरटेकर नीरजा बत्रा का
कहना है कि जब हमने बच्चे को देखा तो वह जिंदा था। हमने एक मिनट भी नहीं गंवाया और उसे तुरंत अस्पताल ले गए। घटना के
बाद गुस्साए पेरेंट्स ने गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर के ऑफिस के बाहर धरना दिया।
उन्होंने बच्चे के परिवार के लोगों को इंसाफ दिलाने की मांग की। गुस्साए लोगों ने
स्कूल में तोड़फोड़ भी की।
घटना के
बाद नेशनल कमीशन फॉर चाइल्ड राइट प्रोटेक्शन (NCPCR) की टीम ने शुक्रवार को रेयान
इंटरनेशनल स्कूल का दौरा किया। NCPCR के मेंबर
प्रियंक कानूनगो ने कहा, हमने
पुलिस से कहा है कि स्कूल मैनेजमेंट के खिलाफ लापरवाही बरतने का केस दर्ज हो।
विजिट के दौरान हमने देखा कि स्कूल ने टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ का पुलिस
वैरिफिकेशन नहीं कराया था। जो ड्राइवर सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दे रहा है, वो बच्चों के सर्कुलेशन एरिया
में क्या कर रहा था? मामले को देखते हुए स्कूल की लापरवाही साफ नज़र आ रही है।